Edited By Prachi Sharma,Updated: 11 Sep, 2025 07:00 AM

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर होता है, जिसमें पूर्वजों की आत्माओं की शांति और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। यह पक्ष हमारे पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का विशेष...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर होता है, जिसमें पूर्वजों की आत्माओं की शांति और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। यह पक्ष हमारे पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का विशेष समय होता है। पितृ पक्ष में श्रद्धालु अपने पितरों के लिए तर्पण और पूजा करते हैं। पितृ पक्ष के दौरान कई नियम, रीति-रिवाज और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा, इस पावन अवसर पर कुछ खास पेड़-पौधों की पूजा करने से भी पितरों की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। माना जाता है कि ये पेड़-पौधे न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये हमारे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता लाते हैं। आइए जानते हैं पितृ पक्ष में किन तीन खास पेड़-पौधों की पूजा करनी चाहिए और क्यों।
पीपल का पेड़
पीपल का पेड़ हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह जीवन, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं में भी इसे पितरों के लिए प्रिय माना गया है। पितृ पक्ष में पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृशांति होती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।पीपल की पूजा से न केवल पितृ दुख दूर होते हैं बल्कि घर में खुशहाली और समृद्धि भी आती है। साथ ही, मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
बेलपत्र
बेलपत्र भगवान शिव को प्रिय माना जाता है और पितृ पक्ष में भी इसका विशेष महत्व है। पितृ पूजन के दौरान बेलपत्र की पूजा से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति आती है।

तुलसी का पौधा
तुलसी को हिंदू धर्म में धार्मिक और औषधीय पौधा माना जाता है। तुलसी का पौधा घर में रखने और उसकी पूजा करने से पितृ देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। तुलसी पवित्रता का प्रतीक है, और इसे हर घर में शुभ माना जाता है। तुलसी की पूजा से न केवल पितरों की शांति होती है, बल्कि घर में सुख-शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि भी बढ़ती है। तुलसी नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर सकारात्मक वातावरण बनाती है।
