Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Sep, 2021 10:35 AM
राजस्थान के अजमेर शहर से 14 कि.मी. दूर उत्तर पश्चिम में अरावली पहाडिय़ों की गोद में बसा पुष्कर नाम का छोटा सा नगर देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। इसका संबंध भगवान ब्रह्मा से है।
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Brahma Temple Pushkar: राजस्थान के अजमेर शहर से 14 कि.मी. दूर उत्तर पश्चिम में अरावली पहाडिय़ों की गोद में बसा पुष्कर नाम का छोटा सा नगर देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। इसका संबंध भगवान ब्रह्मा से है।
यहां ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर बना है। पुराणों में इसका विस्तृत उल्लेख मिलता है। यह कई प्राचीन ऋषियों की तपोभूमि भी रहा है। यहां विश्व का प्रसिद्ध पुष्कर मेला लगता है जिसमें देश-विदेश से लोग आते हैं।
पुष्कर की गणना पंच तीर्थों में भी की गई है। तीर्थराज पुष्कर को सब तीर्थों का गुरु कहा जाता है। अजमेर से नाग पर्वत पार करके पुष्कर पहुंचना होता है। इस पर्वत पर एक पंचकुंड है और अगस्त्य मुनि की गुफा भी बताई जाती है।
What is Pushkar famous कहां-कहां है उल्लेख
यह भी माना जाता है कि महाकवि कालिदास ने इसी स्थान को अपने महाकाव्य अभिज्ञान शाकुंतलम के रचनास्थल के रूप में चुना था। पुष्कर के उद्भव का वर्णन पद्म पुराण में मिलता है। कहा जाता है कि ब्रह्मा ने यहां आकर यज्ञ किया था।
पुष्कर का उल्लेख रामायण में भी है। विश्वामित्र के यहां तप करने की बात कही गई है। अप्सरा मेनका यहां के पावन जल में स्नान के लिए आई थीं। सांची स्तूप दानलेखों में इसका वर्णन मिलता है।
पांडुलेन गुफा के लेख में जो ईस्वी सन्125 का माना जाता है, उषमदवत्त का नाम आता है। यह विख्यात राजा नहपाण का दामाद था और इसने पुष्कर आकर 3000 गायों एवं एक गांव का दान किया था।
महाभारत के वन पर्व के अनुसार योगीराज श्रीकृष्ण ने पुष्कर में दीर्घकाल तक तपस्या की थी। सुभद्रा के अपहरण के बाद अर्जुन ने पुष्कर में विश्राम किया था। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने भी अपने पिता दशरथ का श्राद्ध पुष्कर में किया था।