Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Aug, 2025 03:23 PM

Raksha Bandhan 2025: रक्षा बंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह वही दिन होता है, जब ऋषियों का तर्पण होता है। वेदों की पूजा होती है। रक्षासूत्र मात्र एक धागा नहीं है। वह एक ऊर्जात्मक संकल्प बिंदु है जो दो आत्माओं को धर्म, संकल्प...
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Raksha Bandhan 2025: रक्षा बंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह वही दिन होता है, जब ऋषियों का तर्पण होता है। वेदों की पूजा होती है। रक्षासूत्र मात्र एक धागा नहीं है। वह एक ऊर्जात्मक संकल्प बिंदु है जो दो आत्माओं को धर्म, संकल्प और प्रेम से बांधता है। रक्षा बंधन केवल भाई-बहन का रिश्ता नहीं यह किसी भी पवित्र संबंध की ऊर्जा को संरक्षित करने का अवसर है। यह गुरु-शिष्य, आचार्य-विद्यार्थी, देवता-भक्त, राजा-प्रजा और यहां तक कि आत्मा-परमात्मा के बंधन का प्रतीक भी है।
रक्षाबंधन का त्यौहार समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ाने का कार्य करता है। संसार भर में यह अनूठा पर्व है। इसमें हमें देश की प्राचीन संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। राखी के धागों का संबंध मन की पवित्र भावनाओं से है। यह जीवन की प्रगति और मैत्री की ओर ले जाने वाला एकता का एक बड़ा पवित्र पर्व है।
How to tie rakhi to your brother रक्षाबंधन के पावन पर्व पर जानें कैसे बांधे अपने भाई को राखी
प्रातः स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। अब शुभ मुहूर्त में घर के किसी भी पवित्र स्थान को गोबर से लीप दें। लिपे हुए स्थान पर स्वस्तिक बनाएं। स्वस्तिक पर तांबे का पवित्र जल से भरा हुआ कलश रखें। कलश में आम के पत्ते फैलाते हुए जमा दें। इन पत्तों पर नारियल रखें। कलश के दोनों ओर आसन बिछा दें। (एक आसन भाई के बैठने के लिए और दूसरा स्वयं के बैठने के लिए) अब भाई-बहन कलश को बीच में रख कर आमने-सामने बैठ जाएं। इसके पश्चात कलश की पूजा करें। फिर भाई के दाहिने हाथ में नारियल तथा सिर पर टॉवेल या टोपी रखें। अब भाई को अक्षत सहित तिलक करें। इसके बाद भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें। फिर भाई को मिठाई खिलाएं, आरती उतारें और उसकी तरक्की व खुशहाली की कामना करें। भाई राखी बंधवाने के पश्चात बहन के चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त करे और उपहार दे। इसके पश्चात घर की प्रमुख वस्तुओं को भी राखी बांधें। जैसे- कलम, झूला, दरवाजा आदि।
