Kundli Tv- कैसे हुआ था राधा का जन्म ?

Edited By Jyoti,Updated: 20 Dec, 2018 04:09 PM

religious story of radha rani

श्रीकृष्ण और राधा दो ऐसे नाम हैं इनके बारे में कौन नहीं जानता। श्रीकृष्ण की पत्नी न होते हुए भी सारे जग में इन्हें श्रीकृष्ण के नाम के साथ-साथ ही जाना जाता है।

ये नहीं देखा तो क्या देखा(video)
श्रीकृष्ण और राधा दो ऐसे नाम हैं इनके बारे में कौन नहीं जानता। श्रीकृष्ण की पत्नी न होते हुए भी सारे जग में इन्हें श्रीकृष्ण के नाम के साथ-साथ ही जाना जाता है। हिंदू धर्म में राधा-कृष्ण के प्यार की कई लीलाएं पढ़ने-देखने को मिलती है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि राधा के जन्म की कहानी क्या है। तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में भी बता ही देते हैं कि कृष्ण की राधा के जन्म से जुड़ी ऐसी क्या कहानी है जिसके बारे में सबको जानना चाहिए।
PunjabKesari
कृष्ण की राधा
सारे जगत में राधा-कृष्ण के पावन और पवित्र संबंध को जाना जाता है। अगर हम में से कोई किसी से सामान्यतः यह प्रश्न करें कि राधा कौन थीं, तो यही जवाब मिलता है कि वे श्रीकृष्ण की सखी थीं। लेकिन इसके अलावा राधा कौन थीं, कहां से आई थीं, उनके जीवन के अन्य पहलुओं के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। आज हम आपके समक्ष राधा जी के जन्म से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य रखने जा रहे हैं करेंगे जिससे तकरीबन हर कोई अनजान है।
PunjabKesari
राधा जी का जन्म कहां हुआ? ये एक ऐसा सवाल है, जिसका सटीक जवाब हमें ब्रह्मवैवर्त पुराण के माध्यम से प्राप्त होता है। इस महान ग्रंथ के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा जी का जन्म हुआ और इसी दिन को आज भी राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन ब्रज में श्रीकृष्ण की प्रेयसी राधा का जन्म हुआ था। परंतु राधा के जन्म की कहानी साधारण नहीं, बल्कि चमत्कारी है। ब्रह्मवैवर्त पुराण की मानें तो राधा भी श्रीकृष्ण की तरह ही अनादि और अजन्मी हैं। जी हां अर्थात उनका जन्म माता के गर्भ से नहीं हुआ।
PunjabKesari
पौराणिक कथा के अनुसार देवी राधा भगवान श्री कृष्ण के साथ गोलोक में निवास करती थीं। एक बार देवी राधा गोलोक में नहीं थीं तब श्री कृष्ण अपनी एक अन्य पत्नी विरजा के साथ विहार कर रहे थे। राधा को जैसे ही ये सूचना मिली वह गोलोक लौट आईं। जब उन्होंने विरजा को श्री कृष्ण के संग विहार करते हुए देखा तो कृष्ण को भला बुरा कहने लगीं। राधा को क्रोधित देखकर विरजा नदी बनकर वहां से चली गईं। परंतु राधा का यह क्रोध श्रीकृष्ण के सेवक और मित्र श्रीदामा को गवारा न हुआ। उन्होंने राधा से ऊंची आवाज में बात की और उन्हें अपमानित किया। इससे देवी राधा और क्रोधित हो गईं और क्रोधावस्था में श्रीदामा को यह शाप दिया कि अगले जन्म में वे एक राक्षस कुल में जन्म लेंगे।
PunjabKesari
श्रीदामा ने भी आवेश में आकर देवी राधा को पृथ्वी पर मनुष्य रूप में जन्म लेने का शाप दे दिया। इस शाप के कारण श्रीदामा, शंखचूड़ नामक असुर बना और देवी राधा को कीर्ति और वृषभानु जी की पुत्री के रूप में जन्म लेना पड़ा। लेकिन इनका जन्म देवी कीर्ति के गर्भ से नहीं हुआ था। कथा के अनुसार जब श्रीदामा और राधा ने एक-दूसरे को शाप दे दिया, उसके बाद श्रीकृष्ण चिंता में ग्रस्त राधा के पास आए और उनसे कहा कि देवी आप पृथ्वी पर जन्म तो लेंगीं लेकिन हमेशा मेरे आसपास ही रहेंगीं।
PunjabKesari
आपको गोकुल में देवी कीर्ति और वृषभानु की पुत्री के रूप में जन्म लेना होगा। वहां आपका विवाह रायाण नामक एक वैश्य से होगा और सांसारिक तौर पर तुम रायाण की पत्नी कहलाओगी और ये रायाण मेरा ही अंश होगा। राधा रूप में तुम मेरी प्रिया बनकर रहोगी और कुछ समय तक मेरा विछोह रहेगा। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने देवी से कहा कि अब आप वृषभानु के घर में जन्म लेने की तैयारी करें।
PunjabKesari
संसार की दृष्टि में राधा की माता कीर्ति गर्भवती हुईं लेकिन उनके गर्भ में राधा ने प्रवेश नहीं किया। कीर्ति ने अपने गर्भ में वायु को धारण कर रखा था और योगमाया के सहयोग से कीर्ति ने वायु को जन्म दिया लेकिन वायु के जन्म के साथ ही वहां राधा कन्या रूप में प्रकट हो गईं। इसलिए देवी राधा को अयोनिजा भी कहा जाता है।
कौन सा पाप द्रौपदी की मौत का कारण बना(video)

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!