Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Sep, 2021 09:43 AM

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। पुराणों की मान्यता है कि गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी को मध्याह्न काल में स्वाति नक्षत्र,
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Sakat Chauth 2021 Moonrise Timing: पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। पुराणों की मान्यता है कि गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी को मध्याह्न काल में स्वाति नक्षत्र, सिंह लग्न में हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भगवान श्री कृष्ण पर स्यमंतक मणि चोरी करने का झूठा कलंक लगा और वह अपमानित हुए थे। नारद जी ने उन्हें बताया कि आपने भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्थी को गलती से चंद्र दर्शन किया था। इस दिन चंद्रमा को गणेश जी ने श्राप दिया था इसलिए जो इस दिन चंद्र दर्शन करता है उस पर मिथ्या कलंकलगता है। गणेश चतुर्थी का व्रत करके भगवान श्री कृष्ण इस कलंक से मुक्त हुए थे इसलिए झूठे आरोपों एवं मिथ्या कलंक से भी गणेश चतुर्थी के व्रत अनुष्ठान से मुक्ति मिलती है। इसी घटना के आधार पर इसे कलंकचतुर्थी भी कहा जाता है।
महाभारत में भी भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को इस गणेश चतुर्थी का महत्व बताते हुए बताया है कि इससे मनुष्य की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

Ganesh chaturthi chand kab nikalega: जानें, आपके शहर में कब निलकलेगा चांद

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