Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Jun, 2021 07:47 AM
हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी शनि की दशा जरूर आती है। हर 30 साल पर शनि विभिन्न राशियों में भ्रमण करते हुए फिर से उसी राशि में लौटकर आ जाते हैं जहां से वह चले होते हैं। जब
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Saturn Retrograde May 2021: हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी शनि की दशा जरूर आती है। हर 30 साल पर शनि विभिन्न राशियों में भ्रमण करते हुए फिर से उसी राशि में लौटकर आ जाते हैं जहां से वह चले होते हैं। जब शनि व्यक्ति की राशि से एक राशि पीछे आते हैं तब साढ़ेसाती शुरू हो जाती है। इस समय शनि पिछले 30 साल में किए गए कर्मों एवं पूर्व जन्म के संचित कर्मों का फल देता है। जिनकी कुंडली में शनि प्रतिकूल स्थिति में होते हैं, उन्हें साढ़ेसाती एवं शनि की ढैया के दौरान काफी संघर्ष करना पड़ता है। शनि के प्रभाव के कारण इन्हें शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक समस्याओं से गुजरना होता है। मिथुन व तुला राशि वालों पर शनि की ढैया का प्रभाव जारी है जबकि, धनु, मकर व कुम्भ राशि में शनि की साढ़ेसाती चल रही है।
Remedies to Please Shani dev: शनि के कुछ आम उपाय
प्रात:काल सूर्य उदय होने से पूर्व उठकर सूर्य भगवान की पूजा करें, गुड़ मिश्रित जल चढ़ाएं।
माता-पिता और घर के बुजुर्गों की हमेशा सेवा करें।
गुरु या गुरुतुल्य के आशीर्वाद लेते रहें।
किसी को अकारण कष्ट न दें।
पारिवारिक भरण-पोषण के लिए ईमानदारी और मेहनत से कमाए धन का सदुपयोग करें।
अपने ईष्ट पर अटूट श्रद्धा और विश्वास रखें और नियमित रूप से उनकी पूजा-अर्चना करें।
दुर्व्यसन से परहेज करें।
बीमारी की अवस्था में एक कटोरी में मीठा तेल लेकर अपना चेहरा देखें, फिर उस कटोरी को आटे से भरकर गाय को खिला दें। बीमारी से राहत मिलने लगेगी।
ग्रह शांति के लिए प्रत्येक अमावस, पूर्णिमा की शाम एक दोने में पके हुए चावल लें। उस पर दही डाल दें। अपने मकान में लेकर घूमें, फिर यह दोना किसी पीपल के वृक्ष के नीचे जाकर रख आएं।
शनि महाराज प्रत्येक शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष में निवास करते हैं। इस दिन जल में चीनी एवं काला तिल मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करके तीन परिक्रमा करने से शनि प्रसन्न होते हैं। शनिवार के दिन उड़द दाल की खिचड़ी खाने से भी शनि दोष के कारण प्राप्त होने वाले कष्ट में कमी आती है।