Edited By Jyoti,Updated: 09 Oct, 2021 07:03 PM
स्कंद कुमार यानि कार्तिकेय की माता देवी स्कंदमाता की उपासना नवरात्रि के पांचवें दिन करने का विधान है। वर्ष में पड़ने वाले शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि को देवी स्कंदमाता का विधि वत पूजन किया जाता है।
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स्कंद कुमार यानि कार्तिकेय की माता देवी स्कंदमाता की उपासना नवरात्रि के पांचवें दिन करने का विधान है। वर्ष में पड़ने वाले शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि को देवी स्कंदमाता का विधि वत पूजन किया जाता है। शास्त्रों में वर्णन किया गया है कि देवी स्कंदमाता व्यक्ति की पैतृक भूमिका पर अपना आधिपत्य रखती हैं। इनके स्वरूप की बात करें तो ये सिंह पर सवारी किए हुए अपने गोद में पुत्र कार्तिकेय को उठाए हुए, हाथ में कमल पुष्प धारिण करती हैं। इसके अलावा कालपुरूष व वास्तुपुरुष सिद्धांत के अनुसार इन देवी को उत्तर दिशा व बुध गृह की स्वामिनी भी कहा गया है। जो व्यक्ति की कुंडली के तीसरे व छठें भाव पर अपनी सत्ता से व्यक्ति की सेहत, बुद्धिमत्ता, चेतना, तंत्रिका तंत्र व रोग मुक्ति पर अपना स्वामित्व रखती है। इनकी पूजा करने वाले जातक को अपने घर के गृहक्लेश से मुक्ति मिलती है तथा लाइलाज बीमारियों से भी राहत मिली है। धार्मिक व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इनकी पूजा के बाद इनकी आरती का गुणगान करना बेहद अनिवार्य होता है। आइए जानें देवी स्कंदमाता की आरती-
देवी स्कंद माता की आरती
जय तेरी हो स्कंद माता पांचवां नाम तुम्हारा आता
सब के मन की जानन हारी जग जननी सब की महतारी
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैंलहरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं
कई नामों से तुझे पुकारा मुझे एक है तेरा सहारा
कहीं पहाड़ों पर है डेरा कई शहरो मैं तेरा बसेरा
हर मंदिर में तेरे नजारे गुण गाए तेरे भगत प्यारे
भक्ति अपनी मुझे दिला दो शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इंद्र आदि देवता मिल सारे करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए तुम ही खंडा हाथ उठाए
दास को सदा बचाने आई 'चमन' की आस पुराने आई...।
इसके अतिरिक्त शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन इन मंत्रों का जप भी व्यक्ति को तरह तरह लाभ दिलाता है, यहां जानें कौन से हैं ये मंत्र-
"ॐ ईशान्यै नमः"
इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को अच्छा सेहत की प्राप्ति होती है। ध्यान रहे इस मंत्र का जप करते समय हाथ में हरे मूंग जरूर रखें।
"ॐ रुद्राण्यै नमः"
इस मंत्र को करते समय हाथ में पिस्ता रखें, ऐसा माना जाता है इसके जप से व्यक्ति हर तरह के नुकसान से बचता है।