Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Aug, 2021 09:02 AM

प्राय: हर व्यक्ति चाहता है कि उसे अचानक भारी धनलाभ हो, चाहे वह नैतिक-अनैतिक किसी भी प्रकार से हो। इस अचानक लाभ के लिए व्यक्ति अपनी जमा पूंजी को भी लॉटरी, रेस, सट्टा आदि में
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Signs before winning lottery destined to win the lottery: प्राय: हर व्यक्ति चाहता है कि उसे अचानक भारी धनलाभ हो, चाहे वह नैतिक-अनैतिक किसी भी प्रकार से हो। इस अचानक लाभ के लिए व्यक्ति अपनी जमा पूंजी को भी लॉटरी, रेस, सट्टा आदि में बर्बाद कर देते हैं और अपना सुख-चैन खो बैठते हैं। इस तरह अपने परिश्रम से कमाई हुई दौलत को बर्बाद करने से पहले किसी विद्वान, ज्योतिष, हस्तरेखा शास्त्री से या स्वयं अपने प्रयासों से यह जान लें कि क्या वास्तव में आपके भाग्य में आकस्मिक धन लाभ प्राप्त होना है या नहीं?
Signs of wealth in palmistry हस्तरेखा के अनुसार
जिनके दाहिने हाथ चंद्र के उभरे हुए भाग पर तारे का चिन्ह है और जिनकी अंतकरण रेखा शनि के ग्रह पर ठहरती है, ऐसे व्यक्तियों को रेस, लॉटरी आदि में बहुत लाभ मिलता है।
जिनके दाहिने हाथ की बुध से निकलने वाली रेखा चंद्र के पर्वत से जा मिलती है और जिनकी जीवन रेखा भी चंद्र पर्वत पर जाकर रुक जाती है ऐसे व्यक्तियों को अचानक भारी लाभ होता है।
जिनकी भाग्य रेखा चंद्र पर्वत से निकल कर प्रभावी शनि में सम्पूर्ण विलीन हो जाती है, ऐसे भाग्यवान व्यक्तियों को अकल्पनीय धन लाभ होता है।
जिनके दाहिने हाख पर दोहरी अंतकरण रेखा है और गौण रेख बुध तथा शनि के ग्रहों से जुड़ी हुई है ऐसे व्यक्तियों को रेस, लाटरी आदि में भारी लाभ होता है।
इसके विपरीत
जिनके हाथ की आयुष्य रेखा नेपच्यून ग्रह पर गई हो।
चंद्र और नेपच्यून पर्वत एक-दूसरे में घुलमिल गए हो।
हथेली में अंतकरण रेखा गुरु पर्वत पर ठहर गई हो।
जिनके शनि के उभरे हुए भाग पर फुली पड़ गई हो। ऐसे व्यक्तियों को रेस, लाटरी इत्यादि में धन लाभ कभी नहीं होता, उनका पूरा जीवन कड़ा परिश्रम करने में ही गुजरता है, वे पैसे गंवाकर कंगाल बने रहते हैं।

Lottery winning signs in Palms जन्मकुंडली के अनुसार
जिनकी कुंडली में सप्तम स्थान में वृष राशि का चंद्र हो और लाभ स्थान में कन्या राशि का शनि हो, ऐसे व्यक्ति की पत्नी को भारी आकस्मिक धन लाभ होता है जब उनकी आयु 37 से 43 वर्ष के मध्य हो।
चंद्रमा और बुध स्थान में हो तो लॉटरी में या सट्टे में बहुत लाभ होता है।
दशम स्थान में कर्क राशि का चंद्र और धन स्थान में शनि हो तो अचानक धन लाभ होता है।
धनस्थान में 5 या इससे अधिक ग्रह हो तो बड़ा धन लाभ होता है।
इसके विपरीत
व्यय यानी बारहवें स्थान में केतु हो।
जन्मकुंडली में कालसर्प योग हो।
चंद्र, बुध और शनि नीच स्थान में हो तो रेस, सट्टा, लॉटरी में से कोई लाभ नहीं होता।
