Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Sep, 2023 08:46 AM
आज इंसान आगे बढ़ने की दौड़ में लगा हुआ है लेकिन इंसानियत को पीछे छोड़ रहा है। आज जिधर देखो अहंकार और नग्नता का प्रदर्शन हो रहा है। हमारा अंत:करण कलुषित
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आज इंसान आगे बढ़ने की दौड़ में लगा हुआ है लेकिन इंसानियत को पीछे छोड़ रहा है। आज जिधर देखो अहंकार और नग्नता का प्रदर्शन हो रहा है। हमारा अंत:करण कलुषित हो रहा है।
विचारवान बनना किसी को पसंद नहीं, जिसको अक्षरज्ञान हो जाता है वह अपने आपको महाविद्वान समझने लगता है। बिना ब्रेक का जीवन हमें पतन के गर्त में पहुंचा देता है। अच्छा दिखने के लिए नहीं, अच्छा बनने के लिए परिश्रम करें।
मनुष्य जब गिरता है तो अच्छी तरह संभल कर चलने का रहस्य सीख जाता है। गिरने के बाद अक्ल अपने आप आ जाती है। पति-पत्नी का रिश्ता बड़ा पवित्र है। जीवन भर का साथ है। शीतल एहसास और चांदनी का सुकून है इसमें। इस रिश्ते को मधुर बनाएं।
जीवन को सफल बनाने के लिए हमें अच्छी शिक्षा की जरूरत होती है, डिग्री की नहीं। हम व्यर्थ की बातें ज्यादा सीख लेते हैं इसलिए मूल्यवान कार्यों के लिए समय नहीं बचता। —प्रेमचंद
संतोष सुख की नींद प्रदान करता है। —अज्ञात
मनुष्य के मन में संतोष होना स्वर्ग की प्राप्ति से भी बढ़कर है। संतोष ही सबसे बड़ा सुख है। यदि मन में संतोष भली-भांति प्रतिष्ठित हो जाए तो उससे बढ़कर संसार में कुछ भी नहीं है। —कार्लाइल
अधिक धन सम्पन्न होने पर भी जो अंसतुष्ट रहता है, वह सदा निर्धन है। धन से रहित होने पर भी जो संतुष्ट है, वह सदा धनी है। —वेदव्यास