Edited By Sarita Thapa,Updated: 28 Oct, 2025 06:00 AM

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना गया है, और जब यह व्रत सोमवार के दिन पड़ता है, तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
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Som Pradosh Vrat: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना गया है, और जब यह व्रत सोमवार के दिन पड़ता है, तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से व्यक्ति के जीवन से सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही मन की हर मुराद पूरी होगी। तो आइए जानते हैं सोम प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त, धार्मिक महत्व के बारे में-

Som Pradosh Vrat Shubh Muhurat सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
कार्तिक मास की शुक्ल त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 03 नवंबर 2025 को सुबह 5 बजकर 7 मिनट पर होगी और इसका समापन 04 नवंबर 2025 को रात 02 बजकर 5 मिनट पर होगा। चूंकि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है इसलिए सोम प्रदोष व्रत 03 नवंबर 2025 को रखा जाएगा।

Importance of Som Pradosh Vrat सोम प्रदोष व्रत का महत्व
सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक विशेष व्रत है, जिसे माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। सोम प्रदोष व्रत का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना और जीवन की समस्याओं से मुक्ति पाना है। इस दिन व्रती उपवास रखकर, ध्यान और पूजा में लीन रहते हैं। माना जाता है कि इस व्रत से मनोबल बढ़ता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
