Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Jan, 2024 09:23 AM
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह मंगलवार को शुरू हो गया। मंदिर न्यास के एक सदस्य और उनकी पत्नी के नेतृत्व में इस दौरान कई अनुष्ठान हुए। मंगलवार से शुरू हुए अनुष्ठान नए मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ...
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अयोध्या (प.स.): अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह मंगलवार को शुरू हो गया। मंदिर न्यास के एक सदस्य और उनकी पत्नी के नेतृत्व में इस दौरान कई अनुष्ठान हुए। मंगलवार से शुरू हुए अनुष्ठान नए मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ संपन्न होंगे।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा, ‘‘अनुष्ठान शुरू हो गया है और 22 जनवरी तक जारी रहेगा। 11 पुजारी सभी ‘देवी-देवताओं' का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं।''
इस महीने की 22 तारीख तक चलने वाले अनुष्ठान में यजमान मंदिर न्यास के सदस्य अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी उषा मिश्रा हैं। मिश्रा को सभी दिन अनुष्ठान में भाग लेना होगा, जिसमें 22 जनवरी का कार्यक्रम भी शामिल है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
अयोध्या में भोग के लिए आगरा से आया 56 किस्म का प्रसिद्ध पेठा
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आगरा के एक प्रसिद्ध पेठा प्रतिष्ठान की ओर से श्री रामलला के भोग के लिए 56 किस्म का 560 किलोग्राम पेठा मंगलवार को यहां भेजा गया। आगरा व्यापार मंडल की ओर से लाया गया पंछी पेठा यहां कारसेवकपुरम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल, विश्व हिन्दू परिषद के राजेन्द्र सिंह पंकज आदि की उपस्थिति में स्वीकार किया गया। पेठे के अलावा अन्य स्थानों से रत्न जड़ित पोशाक, चांदी की थाल, पूजा सामग्री आदि भी श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को मिली है।
अयोध्या में जलाई गई 108 फुट लंबी अगरबत्ती
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महंत नृत्य गोपाल दास ने मंगलवार को गुजरात से यहां लाई गई 108 फुट लंबी अगरबत्ती जलाई। दास ने श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए अगरबत्ती को जलाया। दावा किया गया कि अगरबत्ती की सुगंध 50 कि.मी. तक दूर तक महकेगी। इस अगरबत्ती की चौड़ाई करीब साढ़े 3 फुट है और वजन 3,610 किलोग्राम है जिसे गुजरात के वडोदरा से यहां लाया गया है। अगरबत्ती को तैयार करने के लिए गाय के गोबर, घी, सार, फूलों के अर्क और जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया। यह लगभग डेढ़ महीने तक जल सकती है।