Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में उभरेगी भव्य सांस्कृतिक नगरी, जल्द बनेगा विश्व का सबसे विशाल राम मंदिर संग्रहालय

Edited By Updated: 04 Dec, 2025 07:23 AM

ayodhya ram mandir

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मानचित्र पर विशेष पहचान दिलाने के लिए योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 2 दिसंबर 2025 को लखनऊ स्थित लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 21 में से 20 प्रस्तावों को मंजूरी...

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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मानचित्र पर विशेष पहचान दिलाने के लिए योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 2 दिसंबर 2025 को लखनऊ स्थित लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 21 में से 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें सबसे प्रमुख फैसला अयोध्या में एक विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय स्थापित करने का रहा।

52 एकड़ भूमि पर बनेगा भव्य संग्रहालय
सरकार के अनुसार यह आधुनिक संग्रहालय मांझा जमथरा क्षेत्र में लगभग 52.102 एकड़ जमीन पर विकसित किया जाएगा। यहां भगवान श्रीराम व रामायण से जुड़े ऐतिहासिक और दुर्लभ प्रसंगों का प्रदर्शन होगा। साथ ही वैदिक सभ्यता, पुरातात्विक धरोहरें और अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किए गए आकर्षक डिस्प्ले भी शामिल होंगे।

निर्माण कब तक पूरा होगा ?
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस परियोजना को तैयार करने के लिए टाटा समूह से अगले 10 दिनों के भीतर एमओयू साइन किया जाएगा। एमओयू के बाद करीब डेढ़ से दो साल के भीतर संग्रहालय का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल अधिकांश श्रद्धालु एक दिन में दर्शन करके लौट जाते हैं, लेकिन संग्रहालय शुरू होने के बाद अयोध्या में पर्यटकों की ठहरने की अवधि बढ़ेगी और पर्यटन गतिविधियों में बड़ा उछाल आएगा।

परियोजना का दायरा हुआ दोगुना

यह योजना पहले मात्र 25 एकड़ क्षेत्र में बननी थी, लेकिन टाटा समूह ने इसे विश्वस्तर का रूप देने के लिए अधिक जमीन की जरूरत बताई। इसी वजह से इसमें अतिरिक्त 27.102 एकड़ भूमि और जोड़ दी गई। अब कुल क्षेत्रफल 52.102 एकड़ हो गया है।

भूमि कौन देगा ?
संग्रहालय के लिए आवश्यक पूरी भूमि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित की जाएगी। यह जमीन टाटा संस को 90 वर्षों के लिए उपयोग हेतु उपलब्ध कराई जाएगी।

संचालन कौन करेगा ?
टाटा समूह इस परियोजना को अपने CSR फंड के अंतर्गत विकसित और संचालित करेगा। इसके लिए कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत एक गैर-लाभकारी संस्था बनाई जाएगी। इसमें केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और टाटा समूह तीनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। ध्यान देने योग्य है कि इस पूरी परियोजना से संबंधित त्रिपक्षीय समझौता केंद्र, राज्य और टाटा संस के बीच 3 सितंबर 2024 को ही हो चुका है।

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