घर बैठे सूर्य की दिशा से जानें उत्तम मुहूर्त, शुभ काम करने पहले रखें ध्यान

Edited By ,Updated: 13 May, 2017 12:26 PM

the best muhurta from the direction of the sun

वास्तु का आधार सूर्य की किरणें, धरती के घूमने की गति एवं सूर्य से इसकी दिशा है। आकाश में सूर्य की स्थिति-सूर्योदय के वक्त पूर्वी क्षितिज में, दोपहर के वक्त सिर के ठीक ऊपर या सूर्योदय के

वास्तु का आधार सूर्य की किरणें, धरती के घूमने की गति एवं सूर्य से इसकी दिशा है। आकाश में सूर्य की स्थिति-सूर्योदय के वक्त पूर्वी क्षितिज में, दोपहर के वक्त सिर के ठीक ऊपर या सूर्योदय के वक्त पश्चिमी क्षितिज में या किसी भी अन्य मध्यवर्ती स्थिति- के अनुरूप उनके जीवन पर प्रभाव को प्राचीन काल के भारतीय ऋषि-मुनियों ने वर्गीकृत किया था। सूर्य की विभिन्न स्थितियों को कुछ कार्यों के लिए उत्तम तथा कुछ के लिए खराब माना जाता है। निम्न प्रकार के कार्यों को दिन के निश्चित वक्त में ही उत्तम माना जाता है। 


बहुत सवेरे 3 से साढ़े 4 बजे के बीच के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। इसे प्रार्थना के लिए बेहद शुभ माना जाता है।


प्रात: साढ़े 4 से 6 बजे के बीच के वक्त को ऊषा काल कहते हैं। यही वक्त है जब सम्पूर्ण ब्रह्मांड में नवीन ऊर्जा तथा ओजस भर जाता है। यह वक्त दैनिक कार्यकलाप शुरू करने के लिए उत्तम है। 


प्रात: 6 से 9 बजे के वक्त को अरुण कहते हैं जब सूर्य की किरणें फैल चुकी होती हैं। यह वक्त दैनिक कार्यकलाप शुरू करने के लिए अच्छा है। 


प्रात: 9 बजे से 12 बजे के दौरान सूर्य का अपना राज होता है। इसे प्रथहाकाल कहते हैं। यह वक्त कोई भी पेशेवर कार्य करने के लिए उत्तम है।


12 से 3 बजे के वक्त को मध्याह्न काल कहते हैं। इस वक्त सूर्य की किरणें मददगार मानी जाती हैं। मध्याह्न काल का वक्त मजबूत निर्णय लेने के लिए उत्तम है। 


4 से 6 बजे के वक्त को अपराह्न कहते हैं। माना जाता है कि इस दौरान सूर्य की किरणों में विध्वंसक शक्ति होती है। यह समय व्यायाम करने के लिए अच्छा माना गया है। 


6 से साढ़े 7 बजे को सायंकाल कहते हैं जो कार्य से घर लौटने का समय होता है।

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!