Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jun, 2017 10:38 AM
पतित पावनी गंगा का भारतीय संस्कृति में अहम स्थान है। इसके जल में खास गुण होते हैं, तभी तो सनातन धर्मी
पतित पावनी गंगा का भारतीय संस्कृति में अहम स्थान है। इसके जल में खास गुण होते हैं, तभी तो सनातन धर्मी इसे देव नदी (देवताओं की नदी) कहकर भी पुकारते हैं। माना जाता है कि गंगा का जन्म भगवान विष्णु के चरणों से हुआ है और ये भगवान शिव की जटाओं में वास करती हैं। कल 4 जून रविवार को श्री गंगा दशहरा अथवा श्री गंगा दशमी का पर्व है। दस दिनों से चला आ रहा श्री गंगा व्रत-स्नान दशहरा समाप्त हो जाएगा। इस शुभ अवसर पर आप गंगा जल की चमत्कारी शक्तियों से जुड़े कुछ खास उपाय करके देख सकते हैं, कैसे आपके जीवन में भी होने लगेंगे चमत्कार।
गंगा स्नान, पूजन और दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है।
ज्योतिष के जानकार कहते हैं की हर रोज गंगा जल पीने से व्यक्ति निरोग रहते हुए लंबी उम्र भोगता है।
ये सालों तक खराब नहीं होता। अत: इसे घर में लंबे समय तक सहज कर रखा जा सकता है। शास्त्र कहते हैं, गंगाजल को हमेशा घर पर रखने से सुख और संपदा बनी रहती है।
पारिवारिक सदस्यों में क्लेश रहता है तो प्रतिदिन सुबह सारे घर में गंगा जल का छिड़काव करें। इस उपाय से घर की नकारात्मकता का नाश होता है और सकारात्मकता का माहौल बनता है। वास्तु दोष का प्रभाव भी खत्म हो जाता है।
लक्ष्मी नारायण की कृपा पाने के लिए दक्षिणवर्ती शंख में गंगा जल भरकर श्री विष्णु का अभिषेक करें।
सोमवार को शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाएं। जीवन से सभी विकार नष्ट हो जाएंगे।
डरावने सपने आते हैं तो रात को सोने से पूर्व बिस्तर पर गंगा जल का छिड़काव करें।