14 की उम्र में रचा इतिहास, वैभव सूर्यवंशी की कुंडली में छिपा अद्भुत राज !

Edited By Updated: 30 Apr, 2025 01:42 PM

vaibhav suryavanshi kundli

वैसे तो भारत में बहुत से खेल खेले जाते हैं लेकिन क्रिकेट का शौक ज्यादातर हर घर में देखा जाता है। छोटा या फिर बूढ़ा हर व्यक्ति के अंदर क्रिकेट को लेकर एक अलग जूनून होता है। वैसे तो भारत में बहुत से खेल खेले जाते हैं लेकिन क्रिकेट का शौक ज्यादातर हर घर...

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Vaibhav Suryavanshi: वैसे तो भारत में बहुत से खेल खेले जाते हैं लेकिन क्रिकेट का शौक ज्यादातर हर घर में देखा जाता है। छोटा या फिर बूढ़ा हर व्यक्ति के अंदर क्रिकेट को लेकर एक अलग जूनून होता है। आई.पी.एल की देश-विदेश में बहुत लोकप्रियता है। इसमें भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्त होता है। हाल ही में हुए मैच में पूरे देश में सनसनी फैला दी है।ऐसा ही एक नाम है वैभव सूर्यवंशी, जिसने मात्र 14 वर्ष की उम्र में ऐसा इतिहास रच दिया, जो बड़े-बड़ों के लिए भी प्रेरणा बन गया है। उनके जीवन की इस अद्भुत सफलता के पीछे उनकी कुंडली में स्थित मूलांक और नक्षत्रों का विशेष योगदान माना जा रहा है।

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कौन हैं वैभव सूर्यवंशी?
क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर में हुआ। उनका जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था। वैभव की राशि मीन है और उनका जन्म पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में हुआ है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग जन्मजात विजेता माने जाते हैं वे मुश्किल हालात में भी हार नहीं मानते और हर चुनौती को पार करने की अद्भुत क्षमता रखते हैं। वैभव ने महज 12 साल की उम्र में क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा और 14 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो बड़े-बड़े खिलाड़ियों के लिए भी सपना होता है। उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से सबको चौंका दिया और खुद को एक उभरते सितारे के रूप में साबित कर दिया। ज्योतिष के अनुसार, इस समय वैभव की कुंडली में गुरु ग्रह का विशेष प्रभाव चल रहा है, जो ज्ञान, सफलता और विस्तार का प्रतीक है। यह योग बताता है कि वैभव न केवल वर्तमान में चमक रहे हैं, बल्कि भविष्य में भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करेंगे और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का नाम रोशन करेंगे।

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वैभव सूर्यवंशी का मूलांक 
अंक ज्योतिष के अनुसार, वैभव सूर्यवंशी का मूलांक 9 है, जो कि मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ होता है। मंगल को साहस, ऊर्जा और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में मूलांक 9 वाले लोग आमतौर पर बहुत ही तेज़, निडर और जुझारू स्वभाव के होते हैं। उनमें एक नेतृत्व करने की काबिलियत भी जन्मजात होती है। यही कारण है कि वैभव ने इतनी कम उम्र में भी मैदान पर दमखम के साथ खुद को साबित किया। वहीं उनका भाग्यांक 7 है, जो कि केतु ग्रह के प्रभाव में आता है। केतु रहस्यमयता, गहराई और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है। इस अंक के लोग गंभीर सोच, मजबूत आत्मबल और एकाग्रता के लिए जाने जाते हैं। माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में केतु शुभ होता है, उसे कोई भी चुनौती आसानी से पराजित नहीं कर सकती। इस तरह देखा जाए तो वैभव सूर्यवंशी के अंदर जो तेज़ी, आत्मविश्वास और गहराई दिखाई देती है, वह सिर्फ अभ्यास का नहीं, बल्कि उनके मूलांक 9 और भाग्यांक 7 के सामंजस्य का भी परिणाम है।

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