रविवार को पड़ रही है इस बार संक्रांति, दोगुना फल देंगे सूर्य देव

Edited By Updated: 16 Nov, 2019 05:01 PM

vrishchika sankranti 2019 worship

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रेवश करता है यानि राशि परिवर्तन करता है उसे संक्रांति कहा जाता है। कल 17 नवंबर को सूर्य एक बार फिर अपना घर बदल रहे हैं।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रेवश करता है यानि राशि परिवर्तन करता है उसे संक्रांति कहा जाता है। कल 17 नवंबर को सूर्य एक बार फिर अपना घर बदल रहे हैं। इस बार सूर्य तुला से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जिस कारण इसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य प्रत्येक राशि के कुल एक महीने तक रहता है। अर्थात पूरे एक साल में सूर्य 12 की 12 राशियों में गोचर करता है।
PunjabKesari, Dharam, Vrishchika Sankranti, Vrishchika Sankranti 2019, Vrishchika sankranti 2019 worship,  वृश्चिक संक्रांति,  वृश्चिक संक्रांति 2019,  वृश्चिक संक्रांति महत्व, वृश्चिक संक्रांति शुभ मुहूर्त, Shubh Muhurat of Vrishchika Sankranti, Worship Rules of Vrishchika Sankranti
हिंदू धर्म में संक्रांति को बहुत ही पावन दिनों में माना जाता है। इसीलिए नहीं इस दिन को हिंदू धर्म के मुख्य पर्वों में भी शामिल किया गया है। मकर संक्रांति के साथ-साथ अन्य संक्रांति पर भी सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है तथा स्नान-दान का आदि भी किया जाना लाभदायक माना जाता है। तो आइए जानते हैं वृश्चिक संक्रांति का शुभ मुहूर्त व साथ ही जानते हैं इस दिन क्या करने से आपको सूर्य देव से आशीर्वाद प्राप्त होगा। 

वृश्चिक संक्रांति का शुभ मुहूर्त
17 नवंबर 2019- सूर्य का तुला से वृश्चिक राशि में गमन
वृश्चिक संक्रांति पुण्यकाल - सुबह 6:48 से दोपहर 12:12 तक
वृश्चिक संक्रांति महापुण्यकाल - सुबह 6:48 से सुबह 8:36 तक
PunjabKesari, Dharam, Vrishchika Sankranti, Vrishchika Sankranti 2019, Vrishchika sankranti 2019 worship,  वृश्चिक संक्रांति,  वृश्चिक संक्रांति 2019,  वृश्चिक संक्रांति महत्व, वृश्चिक संक्रांति शुभ मुहूर्त, Shubh Muhurat of Vrishchika Sankranti, Worship Rules of Vrishchika Sankranti
क्या है वृश्चिक संक्रांति का महत्व
क्योंकि इस बार वृश्चिक संक्रांति रविवार के दिन ही पड़ रही हैतो इस दिन की विशेषता अधिक मानी जा रही है, वो इसलिए क्योंकि हिंदू धर्म में रविवार का दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन इनकी पूजा अति फलदायी मानी जाती है। ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि यह संक्रांति धार्मिक व्यक्तियों, वित्तीय कर्मचारियों, छात्रों व शिक्षकों के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। अगर छात्र इस दिन सूर्य देव की पूजा के साथ-साथ इनसे जुड़ी खास उपाय कर लेते हैं तो उनकी परीक्षा से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

संक्रांति के दिन दान-पुण्य करने का बड़ा महत्व होता है। इसलिए बहुत से लोग इस दिन भी वस्तुएं और खान पान की चीजें गरीबों में दान करते है।
मान्यताओं के अनुसार इस खास दिन स्नान, दान का खास महत्व होता है। साथ ही साथ अगर कोई इस दिन अपने पितरों का तर्पण करना चाहे तो इस कर्म-कांड को करने के लिए ये दिन  शुभकारक होता है।  
कहा जाता है वृश्चिक संक्रांति का पूरा दिन दान करने आदि के लिए सुभ माना जाता है, इससे पुण्य प्राप्ति होती है।
मान्यताओं के अनुसार जिस किसी के बस में हो उसे वृश्चिक संक्रांति में ब्राह्मण को गाय दान करना चाहिए इससे दोगुना-चौगुना फल की प्राप्त होती है।
PunjabKesari, Dharam, Vrishchika Sankranti, Vrishchika Sankranti 2019, Vrishchika sankranti 2019 worship,  वृश्चिक संक्रांति,  वृश्चिक संक्रांति 2019,  वृश्चिक संक्रांति महत्व, वृश्चिक संक्रांति शुभ मुहूर्त, Shubh Muhurat of Vrishchika Sankranti, Worship Rules of Vrishchika Sankranti
ऐसे करें सूर्य पूजा-
सूर्योदय से पूर्व उठकर सबसे पहले सूर्यदेव पानी में लाल चंदन मिलाकर तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके साथ ही रोली, हल्दी व सिंदूर मिश्रित जल से सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
फिर गुग्गल की धूप करे तथा सूर्य देव को रोली, केसर, सिंदूर आदि चढ़ाएं।
गुड़ से बने हलवे का सूर्यदेव को भोग लगाएं और लाल चंदन की माला से ॐ भास्कराय नमः मंत्र का जाप करें। पूजन के बाद नैवेद्य लगाकर उसे प्रसाद के रूप में अन्य लोगों में वितरित कर दें।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!