Edited By Rohini Oberoi,Updated: 12 Dec, 2025 04:07 PM
कुछ परफ़ॉर्मेंस सिर्फ़ मनोरंजन नहीं करतीं, वो सीधा यादों में उतर जाती हैं। रणवीर सिंह की धुरंधर भी उन्हीं में से एक है, जहाँ हर सीन ख़त्म होने के बाद भी दिल और दिमाग़ में गूंजता रहता है।
नई दिल्ली कुछ परफ़ॉर्मेंस सिर्फ़ मनोरंजन नहीं करतीं, वो सीधा यादों में उतर जाती हैं। रणवीर सिंह की धुरंधर भी उन्हीं में से एक है, जहाँ हर सीन ख़त्म होने के बाद भी दिल और दिमाग़ में गूंजता रहता है। स्क्रीन ब्लैक होने के बाद भी जिस एहसास की पकड़ ढीली नहीं पड़ती, वही असली सिनेमैटिक जादू है। दर्शक और आलोचक जिस तरह इसे रणवीर का करियर-बेस्ट बता रहे हैं, उसकी वजह भी यही है, तो आइए बात करते हैं उन सीनों की, जिन्होंने हर किसी पर गहरी छाप छोड़ दी।26/11 वाला सीक्वेंस- जब चुप्पी ने ग़ुस्से से ज़्यादा बातें कहीं
रणवीर का 26/11 वाला इमोशनल हिस्सा धुरंधर का सबसे गहरा और यादगार पल माना जा रहा है। बिना ज़्यादा ड्रामा किए, वो एक साथ दर्द, ग़ुस्सा, बेबसी और हिम्मत सब कुछ एक में दिखा देता है। दर्शकों ने हर सेकंड का बोझ महसूस किया, यही वजह है कि यह सीन ख़त्म होने के बाद भी दिल पर भारी रह जाता है। यह वही पल है जो थिएटर का माहौल बदल देता है… और देश का दिल भी छू जाता है। सबसे खास बात यह है कि रणवीर ने इस ग़म को शोर में नहीं, बल्कि अंदर ही अंदर महसूस करते हुए निभाया। खुशियों से भरी भीड़ के बीच उसका टूटना, उसकी आँखों में भरा दर्द, और उस दम घोंटने वाली चुप्पी हर भारतीय ने अपने अंदर महसूस की। यही वजह है कि यह सीन सिर्फ एक फ़िल्मी पल नहीं, बल्कि एक एहसास बनकर दिल में बस जाता है। हाई-ऑक्टेन बाइक चेज़- रॉ, रिलेन्टलेस, रणवीर
यह सिर्फ एक एक्शन सीन नहीं है; यह एड्रेनालिन और भावना का मिला-जुला तूफ़ान है। रणवीर तंग गलियों और खुली सड़कों से ऐसी बेचैनी और तेज़ी के साथ गुज़रते हैं कि दर्शक सांस रोककर देखते रह जाते हैं। उनकी बॉडी लैंग्वेज साफ़ बताती है, वह किस्मत से लड़ रहे हैं… सारा को बचाने की आख़िरी कोशिश में अपने आप से भी तेज़ भाग रहे हैं। पीछे चलता ट्रैक इस सीन को और भी रोमांचक बना देता है, जैसे हर बीट उनकी धड़कन बन गई हो। यही वजह है कि यह चेज़ सीन दर्शकों का पसंदीदा बन चुका है, कुछ ऐसा जो हिंदी सिनेमा में पहले कभी नहीं देखा गया। सिनेमाई, बेखौफ और जबरदस्त और बिल्कुल भूल न पाने वाला।
ल्यारी में उनकी एंट्री — लोगों के बीच घुल-मिल जाने और इमोशंस के साथ
रनवीर का ल्यारी में जाना उनके करियर के सबसे अच्छे सीन में से एक माना जा रहा है। जिस तरह वह उस मोहल्ले में चलते हैं, वहाँ का रंग, वहाँ की हवा, वहाँ के लोग सबको महसूस करते हुए, वह इसे बहुत ही सादगी और गहराई से दिखाते हैं। वह इस सीन को एक्ट नहीं करते… असल में जीते हैं। इस पल में दर्शक एक अभिनेता को नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान को देखते हैं जो अपने से अलग दुनिया में भी आसानी से घुल-मिल जाता है।
शादी वाला फाइट सीन, तूफ़ान की तरह
धमाकेदार, सख़्त और भावनाओं से भरा यह शादी वाला फाइट सीन वह जगह है जहाँ रणवीर की शारीरिक ताकत और कहानी दिखाने का तरीका एक साथ नज़र आता है। हर घूंसा, हर वार, हर चेहरा उनकी जमा हुई परेशानियाँ, गुस्सा और रुक न सकने की जिद दिखाता है। सीन भले ही तेज़ और हंगामे वाला है, लेकिन फिर भी पूरी तरह संभला हुआ है, और यही उसे धुरंधर का सबसे याद रहने वाला एक्शन सीन बना देता है।
सारा का थप्पड़ — वो ठहराव जो हर घूंसे से ज्यादा दर्द देता है
फिल्म की तेज़-तर्रार कहानी के बीच यह सीन एकदम शांति ले आता है। जब सारा उन्हें थप्पड़ मारती है, तो रणवीर का रिएक्शन हैरानी, दुख और मान लेना दिल तक पहुँच जाता है। यह पल बताता है कि रिश्तों में चोट हमेशा शोर से नहीं आती, कई बार खामोशी ज़्यादा चुभती है। दर्शकों को थप्पड़ से ज़्यादा वह शांत पल याद रहता है।
क्लाइमेक्स सीन है– धुरंधर 2 की खोज की शुरुआत
फिल्म का क्लाइमेक्स सचमुच सिनेमाई आग जैसा है। रणवीर एक ऐसी ताकत बन जाते हैं जहाँ गुस्सा, न्याय और किस्मत तीनों एक साथ टकराते दिखते हैं। इसी दौरान रहमान का अंत होता है और कहानी हमें रणवीर के अतीत, यानी जसकीरत सिंह रांगी तक ले जाती है। आगे कौन है, यही बात हमें थामे रखती है, जबकि सोनू निगम का ‘ये इश्क इश्क’ बजता है और रणवीर की आँखें ही सब कुछ कह देती हैं। “भगवान का प्रकोप” जैसा दृश्य, अगले युद्ध की आग में उनका बढ़ता कदम, और धुरंधर 2 की झलक इन सबने थिएटर्स में जबरदस्त उत्साह भर दिया। ऐसा अंत जो सांसें रोक देता है और आगे की कहानी जानने की भूख छोड़ जाता है।
ये सींस सिर्फ हमें छूकर नहीं गए… इन्होंने हमारे मन में जगह बना ली और अब तक यह अपनी जगह बनाए हुए हैं। और यही एक सचमुच यादगार अभिनय की पहचान है। सच में, रणवीर इस पीढ़ी के सबसे बेहतरीन अभिनेता हैं।