Edited By Shubham Anand,Updated: 17 Sep, 2025 02:39 PM

IIT हैदराबाद ने 7 गीगाहर्ट्ज बैंड पर 6G टेक्नोलॉजी का सफल प्रोटोटाइप परीक्षण किया है। यह लो-पावर सिस्टम-ऑन-चिप डिज़ाइन पर आधारित है और भारत को 6G तकनीक में वैश्विक नेता बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 6G तकनीक 2030 तक लागू होने की संभावना है,...
टेक डेस्क : जब दुनिया के कई देश अभी 5G टेक्नोलॉजी को अपनाने की प्रक्रिया में हैं, भारत ने 6G टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) हैदराबाद ने 6G टेक्नोलॉजी का प्रोटोटाइप तैयार किया है, जिसका 7 गीगाहर्ट्ज बैंड पर सफल परीक्षण किया गया है। यह उपलब्धि भारत को 6G टेक्नोलॉजी के वैश्विक परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
6G प्रोटोटाइप का सफल परीक्षण
IIT हैदराबाद ने विभिन्न सरकारी संस्थानों और विभागों के सहयोग से 7 गीगाहर्ट्ज बैंड में 6G प्रोटोटाइप का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इस प्रोटोटाइप को लो-पावर सिस्टम-ऑन-चिप (SoC) के रूप में डिजाइन किया गया है, जो भविष्य की हाई-स्पीड कनेक्टिविटी के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है। संस्थान अब 6G-AI हाई-परफॉर्मेंस चिप विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है, जो इस तकनीक को और उन्नत बनाएगा।
भारत बनेगा 6G का अग्रणी खिलाड़ी
IIT हैदराबाद की प्रमुख दूरसंचार शोधकर्ता प्रोफेसर किरण कुची ने इस उपलब्धि पर कहा, "हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत न केवल 6G टेक्नोलॉजी को अपनाए, बल्कि इसे आकार देने में एक वैश्विक लीडर बने।" उन्होंने बताया कि 6G टेक्नोलॉजी का रोलआउट 2030 तक होने की उम्मीद है। प्रोफेसर कुची ने कहा, "हर दशक में नई जनरेशन की मोबाइल टेक्नोलॉजी सामने आती है। 2010 से 2020 के बीच 5G विकसित किया गया और 2022 से इसका विस्तार शुरू हुआ। 2021 से 6G प्रोटोटाइप पर काम शुरू हुआ और 2030 तक यह पूरी तरह लागू हो सकता है।"
हर जगह मिलेगी हाई-स्पीड कनेक्टिविटी
प्रोफेसर कुची के अनुसार, 6G टेक्नोलॉजी 5G से कई गुना तेज होगी और यह शहरों, गांवों, समुद्र, जमीन और आसमान तक हर जगह हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। यह तकनीक न केवल संचार को तेज करेगी, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देगी।
विकसित भारत 2047 की ओर कदम
IIT हैदराबाद की यह उपलब्धि भारत के 'विकसित भारत 2047' विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 6G टेक्नोलॉजी के लिए स्वदेशी प्रोडक्ट्स और इकोसिस्टम विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भारत वैश्विक टेक्नोलॉजी दौड़ में अपनी मजबूत स्थिति सुनिश्चित कर रहा है। जब 2030 में दुनिया 6G को अपनाना शुरू करेगी, भारत अपनी स्वदेशी तकनीक और उत्पादों के साथ इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार होगा। IIT हैदराबाद की टीम अब 6G-AI आधारित हाई-परफॉर्मेंस चिप पर काम कर रही है, जो इस तकनीक को और अधिक कुशल और शक्तिशाली बनाएगी। यह प्रोजेक्ट भारत को वैश्विक दूरसंचार क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम है।