Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Jan, 2021 04:35 PM
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की मौसम एजेंसी ने कहा कि साल 2020 तीन सबसे गर्म सालों में से एक रहा, जो "मानव-प्रेरित" जलवायु परिवर्तन (Climate change)
की बढ़ती गति को दर्शाता है। विश्व मौसम संगठन (WMO) द्वारा सर्वेक्षण किए गए सभी पांच डेटा सेटों...
इंटरनेशनल डेस्क: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की मौसम एजेंसी ने कहा कि साल 2020 तीन सबसे गर्म सालों में से एक रहा, जो "मानव-प्रेरित" जलवायु परिवर्तन (Climate change)
की बढ़ती गति को दर्शाता है। विश्व मौसम संगठन (WMO) द्वारा सर्वेक्षण किए गए सभी पांच डेटा सेटों की रिपोर्ट में पाया गया कि लगातार लंबी अवधि के क्लाइमेट चेंज की प्रवृत्ति में 2011-2020 सबसे गर्म दशक रहा। 2015 से सबसे गर्म छह सालों में 2016, 2019 और 2020 शीर्ष तीन में रहे। तीनों गर्म सालों के बीच औसत वैश्विक तापमान में अंतर बहुत कम है। 2020 में औसत वैश्विक तापमान 14.9 डिग्री सेल्सियस के करीब दर्ज किया गया।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इस पर कहा कि विश्व मौसम संगठन ने पुष्टि की है कि 2020 दर्ज किए गए सबसे गर्म सालों में से एक था, जो क्लाइमेट चेंज की लगातार बढ़ती गति की ओर ध्यान आकृष्ट कराता है, जो हमारे ग्रह पर जीवन और आजीविका को नष्ट कर रहा है। उन्होंने बताया कि दुनिया के हर क्षेत्र में और हर महाद्वीप में पहले से ही असामान्य मौसम की चरम सीमा देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस सदी में तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की भयानक वृद्धि होने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ तालमेल बैठाना 21वीं सदी का निर्णायक कार्य है। यह हर जगह, हर किसी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
पिछले साल के अंत में शुरू हुए ला नीना के 2021 के शुरुआती-मध्य हिस्से तक जारी रहने का अनुमान है। WMO के ‘ग्लोबल एनुअल टू डिकेडल क्लाइमेट अपडेट' के अनुसार, ऐसी आशंका है कि 2024 तक औसत वैश्विक तापमान अस्थायी रूप से 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। मौसम केंद्र के वार्षिक वैश्विक तापमान पूर्वानुमान में बताया गया है कि साल 2021 भी पृथ्वी के सबसे गर्म सालों में से एक होगा।