Edited By Tanuja,Updated: 07 Dec, 2025 07:26 PM

ताइवान की MAC रिपोर्ट के अनुसार, चीन की डिजिटल सेंसरशिप प्रणाली चरमरा रही है। Alan Yu की मौत पर सेंसरशिप ने जनता के अविश्वास को और बढ़ाया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कार्रवाई और बढ़ती निगरानी के बावजूद नागरिक प्रतिबंधों को चकमा दे रहे हैं, जिससे चीन...
International Desk:चीन की कड़ी डिजिटल निगरानी और ऑनलाइन सेंसरशिप व्यवस्था अब चरमराने लगी है। ताइवान की Mainland Affairs Council (MAC) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन का “डिजिटल अधिनायकवादी मॉडल” अब टूटने की कगार पर है और सेंसरशिप का चक्र खुद ही उसके लिए संकट बन गया है।
Alan Yu की मौत ने पोल खोली
11 सितंबर को बीजिंग में चीनी अभिनेता एलन यू की संदिग्ध मौत ने चीन की डिजिटल नियंत्रण प्रणाली की कमजोरियों को उजागर कर दिया।अधिकारियों ने इसे “शराब पीने के बाद दुर्घटनावश गिरने” से हुई मौत बताया, लेकिन इंटरनेट पर यह बयान व्यापक रूप से खारिज किया गया।यू को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के वरिष्ठ नेता Cai Qi से जोड़कर अफवाहें, वीडियो और ऑडियो तेजी से वायरल हुए।जवाब में चीन के ऑनलाइन सेंसर सक्रिय हो गए पोस्ट हटाईं, चर्चाएँ बंद कराईं और पूछताछ पर रोक लगा दी।
सोशल मीडिया कंपनियों पर कार्रवाई
चीन की Cyberspace Administration ने Sina Weibo, Douyin, और Kuaishou के अधिकारियों को तलब किया।उन पर भारी जुर्माना लगाया गया और “साफ-सुथरी ऑनलाइन स्पेस” बनाए रखने के नाम पर ट्रेंडिंग टॉपिक्स की निगरानी और कड़ी करने का आदेश दिया गया। MAC ने Foreign Policy में शोधकर्ता Kevin Hsu के हवाले से कहा कि: “चीन में अब सेंसरशिप ही कहानी बन गई है।जितना सरकार हटाती है, उतना ही जनता शक करती है।”यह स्थिति चीन की सूचना तंत्र पर अविश्वास को बढ़ा रही है और साजिश सिद्धांतों को और हवा दे रही है।
मनोरंजन जगत राजनीति के अधीन
रिपोर्ट में कहा गया कि चीन का मनोरंजन उद्योग राजनीतिक हितों पर चलता है। कलाकारों की छवि और करियर सत्ता की पसंद-नापसंद पर निर्भर हैं।। Alan Yu की मौत पर जनता का गुस्सा दर्शाता है कि अत्यधिक सेंसरशिप उल्टा असर डाल रही है।MAC के अनुसार:चीन की सेंसरशिप अब अत्यधिक फैल चुकी है। जनता पहले से ज्यादा सशक्त है। VPN और विदेशी प्लेटफॉर्म के जरिए प्रतिबंधित जानकारी बाहर पहुंच रही है। यह चीन के प्रचार तंत्र की गहरी कमजोरियों को उजागर करता है