जब B-47 जेट से गिरा 3,500 किलो का न्यूक्लियर बम, बड़ा हादसा टला

Edited By Updated: 28 Aug, 2025 11:48 PM

a 3 500 kg nuclear bomb dropped from a b 47 jet a major accident averted

लगभग 70 साल पहले, 11 मार्च 1958 को अमेरिका में एक बेहद खतरनाक परमाणु हादसा होने वाला था, जो लगभग बड़ा विस्फोट बन सकता था। उस दिन एक B-47 स्ट्रैटोजेट बॉम्बर विमान ट्रेनिंग के लिए जॉर्जिया से यूके जा रहा था। इस विमान में भारी भरकम 7,600 पाउंड (करीब...

इंटरनेशनल डेस्कः लगभग 70 साल पहले, 11 मार्च 1958 को अमेरिका में एक बेहद खतरनाक परमाणु हादसा होने वाला था, जो लगभग बड़ा विस्फोट बन सकता था। उस दिन एक B-47 स्ट्रैटोजेट बॉम्बर विमान ट्रेनिंग के लिए जॉर्जिया से यूके जा रहा था। इस विमान में भारी भरकम 7,600 पाउंड (करीब 3,447 किलोग्राम) का मार्क 15 परमाणु बम था।

हादसे का किस्सा

जहां विमान उड़ रहा था, वहां अचानक तेज हवा का झोंका आया, जिसे टर्बुलेंस कहते हैं। इसी बीच, विमान के एक चालक दल के सदस्य ने बम के रिलीज मेकैनिज्म को जांचने के लिए झुक गया। इसी दौरान, बम ढीला होकर विमान से गिर गया। यह हादसा साउथ कैरोलिना के मार्स फ्लफ नामक इलाके में हुआ।

परमाणु बम नहीं फटा लेकिन विस्फोट हुआ

यह बम परमाणु विस्फोट के लिए सक्रिय नहीं था, इसलिए यह परमाणु विस्फोट नहीं हुआ। लेकिन इसके अंदर जो सामान्य विस्फोटक थे, वे जमीन पर गिरते ही फट गए। इस विस्फोट से 35 फुट गहरा और 75 फुट चौड़ा एक बड़ा गड्ढा बन गया।

विस्फोट के कारण इलाके में एक घर पूरी तरह तबाह हो गया। उस घर में रहने वाले वाल्टर ग्रेग की पत्नी और बच्चे घायल हो गए। अगर बम का परमाणु हिस्सा फटा होता, तो पास के फ्लोरेंस शहर को पूरी तरह नष्ट कर देता।

फ्लोरेंस शहर पर होता विनाशकारी असर

फ्लोरेंस शहर, जो मार्स फ्लफ से लगभग 5 मील दूर है, उस वक्त करीब 30,000 लोग रहते थे। सेना के अनुसार, यदि बम फटता, तो वहाँ के अधिकांश लोग या तो मारे जाते या गंभीर रूप से रेडिएशन से प्रभावित होते। यह परमाणु धमाका हिरोशिमा बम की तुलना में बेहद विनाशकारी होता।

ये पहला ऐसा हादसा नहीं था

मार्स फ्लफ घटना से एक महीने पहले भी अमेरिका में एक और हादसा हुआ था। उस वक्त एक बॉम्बर ट्रेनिंग के दौरान एक फाइटर जेट से टकरा गया और बॉम्बर का एक हाइड्रोजन बम टायबी आइलैंड, जॉर्जिया के पास पानी में गिर गया। वह बम अभी तक नहीं मिला। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर वह बम फटता, तो उसका विस्फोट हिरोशिमा बम से 100 गुना ज्यादा शक्तिशाली होता।

1950 के दशक में कई दुर्घटनाएं

1950 के दशक में अमेरिका में करीब 12 बार ऐसी अनियोजित परमाणु बम गिरने की घटनाएं हुईं, जो ज्यादातर ट्रेनिंग उड़ानों के दौरान हुईं। इन घटनाओं ने सेना को यह निर्णय लेने पर मजबूर किया कि आगे से ट्रेनिंग उड़ानों में परमाणु बम नहीं ले जाया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसे खतरनाक हादसों को रोका जा सके।

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