बांग्लादेश में चुनाव से पहले राजनीतिक भूचाल ! ब्रिटेन से 17 साल बाद लौटे BNP प्रमुख तारिक रहमान, खतरे में युनूस की कुर्सी (Video)

Edited By Updated: 25 Dec, 2025 02:03 PM

bnp acting chairman tarique rahman returns to bangladesh after 17 years in exile

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल बाद ब्रिटेन से ढाका लौट आए हैं। उनकी वापसी देश में राजनीतिक अशांति और युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद महत्त्वपूर्ण मानी जा रही है। रहमान आगामी आम चुनाव में...

Dhaka: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान बृहस्पतिवार को ढाका पहुंच गए। वह 17 साल के अंतराल के बाद ब्रिटेन से स्वेदश लौटे हैं जिसकारण देश में राजनितक हलचल तेज हो गई है। रहमान की वापसी ऐसे समय में हुई है जब प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद से देश में अशांति और राजनीतिक अस्थिरता की एक नयी लहर जारी है जिसने पूरे बांग्लादेश को अपनी चपेट में ले लिया है। हादी ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाई थी। बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्यों ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। उनके साथ उनकी पत्नी जुबैदा रहमान और बेटी जैमा रहमान भी थीं। उनकी वापसी को अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद युनूस की कुर्सी के लिए खतरा माना जा रहा है क्योंकि वह आगामी आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के प्रमुख उम्मीदवार के रूप में उभरकर सामने आए हैं।

 

BNP Leader and the Son of Former Bangladesh Prime Minister Khaleda Zia Returns to Dhaka After 17 Years of Self‑Imposed Exile

- BNP Executive Chairman Tarique Rahman arrived in Dhaka on Thursday after 17 years in self-exile.

- He is the son of former Prime Minister Khaleda Zia… pic.twitter.com/huUh7v4cZA

— Ritam English (@english_ritam) December 25, 2025

तारिक रहमान (60) पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे हैं । जिया बीमार हैं और उनका उपचार किया जा रहा है। छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक आंदोलन में शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पांच अगस्त, 2024 को सत्ता से हटने के बाद बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में बीएनपी अग्रणी दल के रूप में उभरी। इस आंदोलन को ‘जुलाई विद्रोह' कहा गया। वर्ष 2001 से 2006 तक बीएनपी के कार्यकाल के दौरान पार्टी की सहयोगी रही जमात-ए-इस्लामी और उसके इस्लामी सहयोगी दल अब उसके मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में दिख रहे हैं क्योंकि अंतरिम सरकार ने देश के कड़े आतंकवाद-रोधी कानून के तहत एक कार्यकारी आदेश के जरिए अवामी लीग को भंग कर दिया है।

 

रहमान की बांग्लादेश वापसी इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि जमात देश के बिखरे हुए राजनीतिक परिदृश्य में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है। बीएनपी ने 12 दिसंबर को रहमान की वापसी की घोषणा की थी जिसके बाद अटकलें तेज हो गईं। इससे पहले 29 नवंबर को एक ‘फेसबुक' पोस्ट में रहमान ने कहा था कि ‘‘किसी बच्चे की तरह'' वह भी ‘‘संकट के इस समय'' में अपनी गंभीर रूप से बीमार मां के पास रहने के लिए तरस रहे हैं।  

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