Edited By Tanuja,Updated: 22 Oct, 2020 09:47 AM
दुनिया को कोरोना महामारी की मुसीबत देने वाले चीन की चारों ओर से फटकार का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना को लेकर अमेरिकी...
इंटरनेशनल डेस्कः दुनिया को कोरोना महामारी की मुसीबत देने वाले चीन की चारों ओर से फटकार का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो ड्रैगन को सबक सिखाने का एलान कर चुके हैं। चान की आक्रामक नीतियों के चलते कई देश इसके खिलाफ बगावत पर उतर आए हैं। इन देशों में अब ब्राजील भी शामिल हो गया है। ब्राजील ने चीनसे दूरी बनाने का ऐलान कर दिया है। ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने साफ किया है कि वे चीन की सिनोवैक कंपनी की कोरोना वैक्सीन नहीं खरीदेंगे। यहां गौर करने वाली बात यह है कि एक दिन पहले ही ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया था कि ब्राजील के वैक्सीनेशन प्रोग्राम में अमेरिका, ब्रिटेन और चीन को शामिल किया जाएगा।
राष्ट्रपति बोलसोनारो ने सोशल मीडिया पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हम चीनी वैक्सीन नहीं खरीदेंगे। दरअसल, एक समर्थक ने बोलसोनारो से चीन से कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं खरीदने का आग्रह किया था जिसके जवाब में राष्ट्रपति ने कहा कि हम चीनी वैक्सीन खरीदने नहीं जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे को बाद में और स्पष्ट किया जाएगा । इससे पहले, मंगलवार को ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री डुआर्डो पजुएलो ने एक बैठक में कहा था कि हम सिनोवेक की कोरोना वायरस वैक्सीन खरीदेंगे। साथ ही एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित वैक्सीन भी खरीदी जाएंगी।
साओ पाओलो राज्य के गवर्नर जोओ डोरिया ने कहा कि उन्हें जनवरी में वैक्सीनेशन शुरू करने के लिए साल के अंत तक स्वास्थ्य नियामक की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। अब तक, 9,000 स्वयंसेवकों पर किए गए परीक्षणों में चीनी वैक्सीन को सुरक्षित बताया गया है। गौरतलब है कि ब्राजील में कोरोना ने अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. हालांकि, इसके लिए काफी हद तक राष्ट्रपति बोलसोनारो खुद जिम्मेदार हैं. वह शुरुआत से ही कोरोना को कमतर आंकते आए हैं।