Edited By Tanuja,Updated: 18 Dec, 2025 05:19 PM

ऑस्ट्रेलिया के बोंडी बीच पर हुए आतंकी हमले के दौरान भारतीय मूल के अमनदीप सिंह-बोला ने जान जोखिम में डालकर एक शूटर को काबू करने में पुलिस की मदद की। हमले में 15 लोगों की मौत हुई, 40 घायल हुए। ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने इसे आईएस-प्रेरित आतंकी हमला बताया।
International Desk: ऑस्ट्रेलिया में बोंडी बीच पर कथित शूटरों में से एक को काबू करने में मदद करने वाले भारतीय मूल के 34-वर्षीय व्यक्ति ने कहा कि वह एक हमलावर को मार गिराना चाहते थे और जरूरतमंद लोगों की मदद करना चाहते थे। चौदह दिसंबर को एक यहूदी त्योहार के मौके पर पिता-पुत्र ने समुद्र तट पर हमला किया था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई। हमले में 40 लोग घायल हुए हैं, जिनमें तीन भारतीय छात्र भी शामिल हैं। सिडनी के निवासी एक हमलावर साजिद अकरम (50) को मार गिराया गया, जबकि ऑस्ट्रेलिया में जन्मा उसका 24-वर्षीय बेटा नवीद अकरम घायल हो गया।
एसबीएस न्यूज की खबर के अनुसार, भारतीय और न्यूजीलैंड मूल के माता-पिता के घर जन्मे अमनदीप सिंह-बोला ने एक संदिग्ध साजिद अकरम को काबू करने में मदद की थी। सिंह-बोला उस पुल पर दौड़े जहां कथित हमलावर लोगों पर गोलियां चला रहा था। उन्होंने एक पुलिस अधिकारी की मदद से उसे काबू में कर लिया। खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘‘मैं (शूटर पर) कूद पड़ा और उसके हाथ पकड़ लिये। पुलिस अधिकारी ने मेरी मदद की और कहा कि उसे छोड़ना नहीं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक (कथित शूटर) को मार गिराने में मदद करना चाहता था, या फिर किसी भी ऐसे व्यक्ति की मदद करना चाहता था, जिसे मदद की जरूरत थी।''
शुरू में गोलीबारी की आवाज को पटाखे की आवाज समझ बैठे सिंह-बोला गोलीबारी के समय कबाब खा रहे थे और समुद्र तट पर सूर्यास्त का नजारा देख रहे थे। ऑस्ट्रेलिया की संघीय पुलिस आयुक्त क्रिसी बैरेट ने इस गोलीबारी को ‘‘इस्लामिक स्टेट से प्रेरित एक आतंकवादी हमला'' बताया है। साजिद अकरम की पहचान हैदराबाद से संबंध रखने वाले भारतीय नागरिक के रूप में हुई है, जो 27 साल पहले ऑस्ट्रेलिया आ गया था। दूसरा संदिग्ध नवीद अकरम ऑस्ट्रेलियाई नागरिक है।