Edited By Pardeep,Updated: 05 Sep, 2025 06:19 AM

अफगानिस्तान एक बार फिर भूकंप के झटकों से कांप उठा। आज तड़के 3:16 बजे, देश के पूर्वी हिस्से में 4.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। यह झटका बीते 24 घंटों में तीसरा था। इससे पहले गुरुवार देर रात को 6.2 तीव्रता और बुधवार को 4.8 तीव्रता का भूकंप महसूस...
इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान एक बार फिर भूकंप के झटकों से कांप उठा। आज तड़के 3:16 बजे, देश के पूर्वी हिस्से में 4.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। यह झटका बीते 24 घंटों में तीसरा था। इससे पहले गुरुवार देर रात को 6.2 तीव्रता और बुधवार को 4.8 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था।
इन लगातार झटकों ने न सिर्फ पहले से चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों को बाधित किया है, बल्कि लोगों में दहशत का माहौल भी बना दिया है। अफगानिस्तान अब गंभीर मानवीय संकट से गुजर रहा है।
31 अगस्त का विनाशकारी भूकंप: 6.0 तीव्रता, 2200 से अधिक मौतें
31 अगस्त की रात, अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में आए 6.0 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई थी। भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 27 किलोमीटर दूर, जमीन से लगभग 10 किलोमीटर की गहराई में था। यह झटका इतना तेज था कि इसके प्रभाव पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद तक महसूस किए गए, जो करीब 400 किलोमीटर दूर है।
तालिबान सरकार के अनुसार, इस भूकंप से कम से कम 2,205 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,600 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है क्योंकि मलबे में फंसे शवों को निकाला जा रहा है।
मिट्टी और लकड़ी के मकान बने जानलेवा
भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अधिकतर मकान मिट्टी, कच्ची ईंटों और लकड़ी से बने थे, जो झटकों को सहन नहीं कर पाए और पूरी तरह ढह गए। कुनार, नंगरहार, लगमन, नूरिस्तान जैसे प्रांतों में कई गांव पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गए। अधिकतर प्रभावित इलाके पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां लोग नदी की घाटियों में रहते हैं। इन जगहों तक राहत सामग्री और बचाव दलों को पहुंचने में भारी दिक्कत हो रही है क्योंकि:
बचाव कार्य जारी, संसाधनों की कमी बड़ी चुनौती
तालिबान के प्रवक्ता हमदुल्लाह फितरत के अनुसार, राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। सरकार ने:
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अस्थायी तंबू स्थापित किए हैं,
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प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराई हैं,
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और खाद्य एवं आवश्यक सामग्री की आपूर्ति शुरू की है।
लेकिन इन प्रयासों को खराब रास्तों, सीमित धन, और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण भारी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। तालिबान प्रशासन और स्थानीय राहत संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आपातकालीन मदद की अपील की है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
अब तक कतर, भारत, ईरान, तुर्की, पाकिस्तान, चीन, यूएई सहित कई देशों ने राहत सामग्री भेजी है या भेजने की घोषणा की है। संयुक्त राष्ट्र ने तत्काल $5 मिलियन की आपातकालीन सहायता जारी की है और मानवीय मिशनों को सक्रिय किया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि तत्काल राहत के अलावा दीर्घकालिक पुनर्वास, मलबा हटाने और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देना जरूरी है।
भविष्य की चिंता: आफ्टरशॉक्स और अस्थिरता
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इतने शक्तिशाली भूकंप के बाद आने वाले दिनों में और आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं। इससे: