यूरोप में बंद हो सकता फेसबुक और इंस्टाग्राम, मेटा ने बताई ये वजह

Edited By Updated: 08 Feb, 2022 01:17 AM

facebook and instagram may be closed in europe meta explained this reason

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को मेटा (Meta) कंपनी ने गुरुवार यानी 3 फरवरी को अपनी एनुअल रिपोर्ट में कहा कि डेटा रेगुलेशन्स के कारण यूरोप में फेसबुक और इंस्टाग्राम को बंद किया जा सकता है। यूरोपीय डेटा रेगुलेशन्स कंपनियों को युनाइटेड स्टेट्स...

न्यूयॉर्कः सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को मेटा (Meta) कंपनी ने गुरुवार यानी 3 फरवरी को अपनी एनुअल रिपोर्ट में कहा कि डेटा रेगुलेशन्स के कारण यूरोप में फेसबुक और इंस्टाग्राम को बंद किया जा सकता है। यूरोपीय डेटा रेगुलेशन्स कंपनियों को युनाइटेड स्टेट्स में स्थित सर्वरों को यूरोप में जनरेट हुए डेटा को भेजने से रोकते हैं। मेटा का कहना है कि एडवर्टाइजिंग को टार्गेट करने की उसकी क्षमता सीमित हो जाएगी, जो अपने रेवेन्यू का लगभग 98 फीसदी एडवर्टाइजिंग से कमाता है। 

रिपोर्ट में कहा गया कि अगर हम उन देशों और क्षेत्रों के बीच डेटा ट्रांसफर करने में असमर्थ हैं, जिनमें हम काम करते हैं तो इससे सर्विस प्रोवाइड करने की हमारी क्षमता पर असर पड़ सकता है। मेटा एक नए ट्रान्साटलांटिक डेटा ट्रांसफर फ्रेमवर्क के लिए उम्मीद जैसी है। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है, तो यूरोप में फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित हमारे कई सबसे महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म और उनकी सर्विसेज की पेशकश करने में परेशानी होगी।

भारत के बारे में चिंतित मेटा
मेटा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वह अगस्त 2016 और 2021 में व्हाट्सएप की सेवा की शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी के अपडेट, अन्य मेटा प्रोडक्ट्स और उसकी सेवाओं के साथ कुछ डेटा शेयर करने के संबंध में यूरोप और भारत के न्यायालयों में जांच और मुकदमों का हिस्सा बनी हुई है। कंपनी ने डेटा प्राइवेसी कानूनों के बारे में भी चिंता व्यक्त की है, जिन पर कई देशों द्वारा विचार किया जा रहा था। 

2019 के दौरान एक पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल संसद में पेश किया गया था और ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेजा गया था। दो साल बाद, जेपीसी की रिपोर्ट दिसंबर के दौरान संसद में पेश की गई, जिसमें विधेयक को कमजोर करने का सुझाव दिया गया था।

यूरोपीय डेटा रेगुलेशन्स क्या कहते हैं?
2016 में, यूरोपीय यूनियन और संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूरोपीय यूनियन से अमेरिका में ट्रांस्फर्ड डेटा के लिए एक ट्रांसफर फ्रेमवर्क पर सहमति व्यक्त की थी, जिसे प्राइवेसी शील्ड कहा जाता है। इसे जुलाई 2020 में यूरोपीय यूनियन के कोर्ट (CJEU) द्वारा अमान्य घोषित कर दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि प्राइवेसी शील्ड ने अमेरिकी अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा उपायों और निवारण के प्रभावी साधनों के बिना यूरोपीय संघ के निवासियों के बारे में पर्सनल डेटा कलेक्ट करने का अधिकार दिया था। 


 

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