Edited By Tanuja,Updated: 06 Oct, 2025 03:41 PM

फ्रांस के प्रधानमंत्री सेबेस्तियन लेकोर्नू ने नई कैबिनेट की घोषणा और मंत्रियों के साथ बैठक करने के कुछ ही घंटे बाद इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के पीछे संसद में विरोध, गठबंधन में झगड़े और मंत्रियों के चयन को लेकर विवाद मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।
International Desk: फ्रांस में राजनीतिक उथल-पुथल का नया दौर शुरू हो गया है। फ्रांस के प्रधानमंत्री सेबेस्तियन लेकोर्नू ने सोमवार को ऐतिहासिक अंदाज में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लेकोर्नू ने इसी साल 9 सितंबर को प्रधानमंत्री पद संभाला था, लेकिन एक महीने से भी कम समय में ही यह अचानक कदम उठाया। लेकोर्नू ने नई कैबिनेट की घोषणा और मंत्रियों के साथ बैठक करने के महज कुछ ही घंटे बाद ही यह ऐलान किया।
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। लेकोर्नू द्वारा मंत्रियों के चयन ने राजनीतिक हलकों में विवाद को जन्म दिया, विशेष रूप से पूर्व वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायेर को रक्षा मंत्रालय में वापस लाने के उनके फैसले पर। अन्य प्रमुख पद पिछले मंत्रिमंडल से अधिकांश अपरिवर्तित रहे। रूढ़िवादी ब्रूनो रिताइलो आंतरिक मंत्री बने रहे, जीन-नोएल बारोत विदेश मंत्री और गेराल्ड डर्मैनिन को न्याय मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया।रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक लेकोर्नू के इस्तीफे के पीछे उनके गठबंधन के भीतर विरोधी ताकतों की सरकार गिराने की धमकी भी एक बड़ा कारण रही।
नई अल्पमत सरकार को पहले से ही संसद में भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा था। नेशनल असेंबली में मैक्रों के वामपंथी विरोधी अविश्वास प्रस्ताव के जरिए लेकोर्नू को गिराने की कोशिश हो रही थी, जबकि मरीन ले पेन की अति-दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी जल्द ही नए चुनाव की मांग कर रही थी।इस इस्तीफे के बाद फ्रांसीसी राजनीति में अस्थिरता बढ़ गई है और अब सभी की निगाहें इस बात पर टिक गई हैं कि अगले प्रधानमंत्री कौन होंगे और सरकार को स्थिर करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।