इमरान के 'नए पाकिस्तान' की हालत खराब ! देश में गहराया ‘गैस संकट’, सर्दियों से पहले बिगड़ सकते हैं हालात

Edited By Tanuja,Updated: 14 Oct, 2021 12:12 PM

gas deficit in pakistan looms large as country fails to procure lng cargoes

पाकिस्तान में इमरान खान की निकम्मी सरकार की वजह से देश की स्थिति दिनों-दिन खराब होती जा रही है। महंगाई से बेहाल पूरे पाकिस्तान में ...

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में  इमरान खान की निकम्मी सरकार की वजह से  देश की स्थिति दिनों-दिन खराब होती जा रही है। महंगाई से बेहाल पूरे पाकिस्तान में ऐतिहासिक स्तर पर गैस संकट का संकेत है।  मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सरकार  की वजह से देश में गैस किल्लत होने गहराने वाला है। स्थानीय मीडिया के अनुसार पिछले महीने जारी किए गए टेंडर के जवाब में पाकिस्तान, LNG ट्रेडिंग कंपनियों को आकर्षित करने में नाकामयाब रहा है, जिसकी वजह से पाकिस्तान के ऊपर गैस किल्लत का भारी संकट मंडरा रहा है और पूरे देश में आने वाले महीनों में अभूतपूर्व गैस संकट का सामना करना पड़ेगा।

 

द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि पाकिस्तान दिसंबर और जनवरी में 1.2BCFD (अरब क्यूबिक फीट प्रति दिन) एलएनजी का आयात नहीं कर पाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बजाय देश 300 MMCFD (प्रति दिन मिलियन क्यूबिक फीट) की कमी के साथ हर महीने सिर्फ 900 एमएमसीएफडी आयात कर पाएगा। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को एलएनजी कार्गो के संबंध में लिक्विड नेचुरल गैस (एलएनजी) व्यापारिक कंपनियों से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर इस तरह का संकट आता है। देश के ऊर्जा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द न्यूज को बताया कि, "यह सरकार के लिए एक बहुत लंबे समय से उच्च मुद्रास्फीति से पीड़ित जनता से भारी राजनीतिक प्रतिक्रिया पैदा करने के लिए दोहरा खतरा होगा।"

 

अधिकारी ने कहा कि, "स्थानीय गैस का उत्पादन गिरकर 2.8 BCFD हो गया है और देश 1.2 बीसीएफडी एलएनजी आयात कर सकता है, जिसका आने वाली सर्दियों में पूरी तरह से दोहन नहीं किया जाएगा। सर्दियों में मांग 5 बीएफसीडी तक पहुंच जाती है, जबकि देश में दिसंबर में गैस सिर्फ 3.7 BCFD होगा। और जनवरी में आठ एलएनजी कार्गो खरीदने में सरकार नाकाम हो गई है।" रिपोर्ट के मुताबिक सर्दियों के महीनों में गैस सिलेंडर्स की मांग चरम पर पहुंच जाती है और देश में बहुत बड़े पैमाने पर गैस संकट शुरू हो जाएगा, लेकिन सरकार के पास गैस संकट से निजात पाने के लिए कोई उपाय नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि, गैस संकट की तीव्रता उस स्तर तक बढ़ जाएगी कि, सरकार बिजली बनाने के लिए भी बिजली कंपनियों को गैस उपलब्ध नहीं करा पाएगी और दिसंबर और जनवरी में देश की आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियां लगभग ठप्प हो जाएंगी।"

 

स्थानीय मीडिया ने बताया कि सिंध प्रांत पहले से ही एक गंभीर गैस संकट का सामना कर रहा है और अब यह और तेज हो गया है क्योंकि कंपनियों ने गैर-निर्यात उद्योगों को गैस की आपूर्ति तीन दिनों के लिए रोक दी है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सिंध में सुई सदर्न गैस कंपनी (SSGC)  री-गैसीफाइड लिक्विड नेचुरल गैस (RLNG) आपूर्ति की कमी के साथ-साथ गैस के प्रेशर की भारी कमी का सामना कर रही है। संकट के कारण गैर-निर्यात उद्योगों सहित निजी बिजली संयंत्रों को गैस आपूर्ति पिछले सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
 

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