Edited By Tanuja,Updated: 20 Nov, 2021 11:46 AM
पाकिस्तान सरकार ने पीछे हटते हुए आदतन बलात्कारियों को रासायनिक तरीकों से नपुंसक बनाए जाने के विवादास्पद प्रावधान को नए कानून से हटा ...
इस्लामबादः पाकिस्तान सरकार ने पीछे हटते हुए आदतन बलात्कारियों को रासायनिक तरीकों से नपुंसक बनाए जाने के विवादास्पद प्रावधान को नए कानून से हटा दिया है क्योंकि ‘काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी’ (CII) ने ऐसी सजा पर आपत्ति जताते हुए इसे "गैर-इस्लामिक" करार दिया था। इससे पहले संसद ने नए कानून को मंजूरी दी थी जिसका मकसद दोषसिद्धि में तेजी लाना और अपराधियों को सख्त सजा देना था।
बुधवार को संसद के संयुक्त सत्र में आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2021 विधेयक को 33 अन्य विधेयकों के साथ पारित कर दिया गया था। कानून और न्याय संबंधी संसदीय सचिव मलीका बोखारी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीआईआई द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद इस खंड को हटा दिया गया। सीआईआई पाकिस्तान का एक संवैधानिक निकाय है जो सरकार तथा संसद को इस्लामी मुद्दों पर कानूनी सलाह देता है।
इस्लामाबाद में कानून मंत्री फरोग नसीम के साथ मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सीआईआई ने बलात्कारियों को रासायनिक तरीकों से नपुंसक बनाए जाने की सजा को "गैर-इस्लामी" करार दिया था। आलोचकों का कहना है कि पाकिस्तान में यौन उत्पीड़न या बलात्कार के चार प्रतिशत से भी कम मामलों में दोषसिद्धि होती है।