खुलासा-तालिबान ने जिंदा पकड़ा था दानिश सिद्दीकी को, जब पता चला भारतीय है तो बेरहमी से की हत्या

Edited By Pardeep,Updated: 30 Jul, 2021 09:06 AM

indian photojournalist danish siddiqui brutally murdered report

पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी ना तो अफगानिस्तान में गोलीबारी में फंसकर मारे गए, ना ही वह इन घटनाओं के दौरान हताहत हुए बल्कि तालिबान द्वारा उनकी

वाशिंगटनः पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी ना तो अफगानिस्तान में गोलीबारी में फंसकर मारे गए, ना ही वह इन घटनाओं के दौरान हताहत हुए बल्कि तालिबान द्वारा उनकी पहचान की पुष्टि करने के बाद ‘‘क्रूरता से हत्या’’ की गई थी। अमेरिका की एक पत्रिका ने बृहस्पतिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह दावा किया।

सिद्दीकी (38) अफगानिस्तान में असाइनमेंट पर थे जब वह मारे गए। पुरस्कार विजेता पत्रकार की कंधार शहर के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करते समय मौत हुई थी। 

‘वाशिंगटन एक्जामिनर’ की रिपोर्ट के मुताबिक सिद्दीकी ने अफगान नेशनल आर्मी टीम के साथ स्पिन बोल्डक क्षेत्र की यात्रा की ताकि पाकिस्तान के साथ लगे सीमा क्रॉसिंग पर नियंत्रण के लिए अफगान बलों और तालिबान के बीच चल रही जंग को कवर किया जा सके।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हमले के दौरान, सिद्दीकी को छर्रे लगे और इसलिए वह तथा उनकी टीम एक स्थानीय मस्जिद में गए, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार मिला। हालांकि, जैसे ही यह खबर फैली कि एक पत्रकार मस्जिद में है तालिबान ने हमला कर दिया। स्थानीय जांच से पता चला है कि तालिबान ने सिद्दीकी की मौजूदगी के कारण ही मस्जिद पर हमला किया था।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘सिद्दीकी उस वक्त जिंदा थे जब तालिबान ने उन्हें पकड़ा। तालिबान ने सिद्दीकी की पहचान की पुष्टि की और फिर उन्हें और उनके साथ के लोगों को भी मार डाला। कमांडर और उनकी टीम के बाकी सदस्यों की मौत हो गई क्योंकि उन्होंने उसे बचाने की कोशिश की थी।’’

अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट में सीनियर फैलो माइकल रूबीन ने लिखा है, ‘‘व्यापक रूप से प्रसारित एक तस्वीर में सिद्दीकी के चेहरे को पहचानने योग्य दिखाया गया है, हालांकि मैंने भारत सरकार के एक सूत्र द्वारा मुझे प्रदान की गई अन्य तस्वीरों और सिद्दीकी के शव के वीडियो की समीक्षा की, जिसमें दिखा कि तालिबान ने सिद्दीकी के सिर पर हमला किया और फिर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया।’’

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘तालिबान का हमला करने, सिद्दीकी को मारने और फिर उनके शव को क्षत-विक्षत करने का निर्णय दर्शाता है कि वे युद्ध के नियमों या वैश्विक संधियों का सम्मान नहीं करते हैं।’’  सिद्दीकी का शव 18 जुलाई की शाम दिल्ली हवाई अड्डे पर लाया गया और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया।

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