Edited By Tanuja,Updated: 19 Aug, 2021 12:12 PM

अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद भी तालिबान कंगाल ही बना रहेगा। मीडिया रिपोर्ट के के अनुसार 20 साल बाद फिर अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले ...
काबुल: अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद भी तालिबान कंगाल ही बना रहेगा। मीडिया रिपोर्ट के के अनुसार 20 साल बाद फिर अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान को लेकरअमेरिका के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बड़ा फैसला लिया है। अमेरिका की ओर से 706 अरब रुपए की संपत्ति फ्रीज किए जाने के बाद अब IMF ने अफगानिस्तान के खजाने के गेट पर ताला लगाते संसाधनों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय IMF ने 460 मिलियन अमेरीकी डॉलर यानी 46 करोड़ डॉलर (3416.43 करोड़ रुपए) के आपातकालीन रिजर्व तक अफगानिस्तान की पहुंच को ब्लॉक करने की घोषणा की है। देश पर तालिबान के नियंत्रण ने अफगानिस्तान के भविष्य के लिए अनिश्चितता पैदा हो गई हैं। इसलिए IMF ने ये फैसला लिया। IMF ने कहा कि तालिबान के कब्जे वाला अफगानिस्तान अब IMF के संसाधनों का उपयोग नहीं कर पाएगा न ही उसे किसी तरह की नई मदद मिलेगी।

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार बाइडेन प्रशासन के दबाव के बाद IMF ने यह फैसला लिया है। मंगलवार को अमेरिका ने अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक की करीब 9.5 अरब डॉलर यानी 706 अरब रुपए से ज्यादा की संपत्ति फ्रीज कर दी। इतना ही नहीं देश के पैसे तालिबान के हाथ न चले जाएं, इसके लिए अमेरिकी ने फिलहाल अफगानिस्तान को कैश की सप्लाई भी रोक दी है।

अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने भारत से सभी तरह के आयात-निर्यात पर रोक लगा दी है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के डायरेक्टर जनरल डॉ. अजय सहाय के मुताबिक तालिबान ने फिलहाल पाकिस्तान के ट्रांजिट रूट्स से होने वाली सभी कार्गो मूवमेंट पर रोक लगा दी है। भारत, अफगानिस्तान को चीनी, फार्मास्यूटिकल्स, चाय, कॉफी, मसाले और ट्रांसमिशन टावर्स का एक्सपोर्ट करता है। वहीं अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट्स और प्याज जैसी चीजों का आयात होता है। हालांकि उम्मीद जताई गई है कि जल्द ट्रेड संबंधी गतिविधियों को शुरू किया जाएगा क्योंकि दोनों देशों के लिए ये जरूरी और फायदेमंद है।