ट्रंप को नोबेल मिलेगा या नहीं? शांति पुरस्कार पाने के लिए झटपटा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति, कल नामों का ऐलान

Edited By Updated: 09 Oct, 2025 07:21 PM

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार शांति का नोबेल पुरस्कार पाने की इच्छा जताई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल उन्हें यह नहीं मिलेगा। नॉर्वे की नोबेल कमेटी 10 अक्टूबर को विजेता का ऐलान करेगी। इस साल 338 नामांकित उम्मीदवारों में...

इंटरनेशनल डेस्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की मांग बार-बार की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल भी उनकी यह इच्छा अधूरी रह जाएगी। नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में स्थित नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी शुक्रवार (10 अक्टूबर) दोपहर 11 बजे (सीईएसटी, भारत में लगभग 2:30 बजे) शांति पुरस्कार के विजेता का ऐलान करेगी। 338 उम्मीदवारों में से चुने जाने वाले नाम का सस्पेंस आज खत्म हो जाएगा, लेकिन बाकी नाम 50 साल तक गुप्त रहेंगे।

ट्रंप का दावा: '8 युद्ध रुकवाए'
ट्रंप ने 50 से अधिक बार दावा किया है कि उन्होंने परमाणु संपन्न भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया और वैश्विक मंचों पर कहा कि शांति का नोबेल उन्हें ही मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने 8 युद्ध रोके हैं। हालांकि, स्वीडिश प्रोफेसर और इंटरनेशनल अफेयर्स के विशेषज्ञ पीटर वैलेनस्टीन का कहना है, "ट्रंप को इस साल नोबेल नहीं मिलेगा। हो सकता है अगले साल गाजा युद्ध रुकने पर उन्हें अवसर मिले।" विशेषज्ञों के अनुसार, कमेटी ट्रंप की विवादास्पद नीतियों के कारण उन्हें नजरअंदाज करेगी।

किसे मिल सकता है पुरस्कार?
इस साल 338 व्यक्तियों और संस्थाओं को नामांकित किया गया है, जिनमें प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं:

सूडान की इमरजेंसी रिस्पांस टीम: युद्ध और अकाल प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों की जान जोखिम में डालकर सहायता करने वाला वॉलंटियर्स नेटवर्क।

यूलिया नवलनया: रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की विधवा, जो लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं।

OSCE (ऑफिस फॉर डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशंस एंड ह्यूमन राइट्स): चुनाव निगरानी के लिए जानी-पहचानी यह संस्था यूरोप में लोकतंत्र को मजबूत करने में सक्रिय है।


UN से जुड़ी संस्थाएं भी रेस में
कई विश्लेषकों का अनुमान है कि कमेटी संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी शख्सियतों को सम्मानित कर सकती है, जैसे:

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस: वैश्विक संघर्षों में शांति प्रयासों के लिए।

UNHCR (यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी): शरणार्थियों की सहायता में योगदान।

UNRWA (UN रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी): फिलिस्तीन में राहत कार्यों के लिए विशेष रूप से सराहनीय भूमिका।

इसके अलावा, इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, इंटरनेशनल कोर्ट, पत्रकारों की सुरक्षा समिति (CPJ) या रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स जैसे प्रेस निगरानी संगठन भी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कमेटी किसी अप्रत्याशित व्यक्ति या संस्था को चुनकर सभी को चौंका सकती है, जैसा कि अतीत में कई बार हुआ है।

पिछले साल किसे मिला था
पिछले साल (2024) शांति का नोबेल परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों के लिए जापान के निहोन हिडानक्यो संगठन को दिया गया था, जो हिरोशिमा-नागासाकी बमबारी के जीवित बचे लोगों का समूह है।

पुरस्कार की राशि और सम्मान
पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर को स्टॉकहोम या ओस्लो में प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक नोबेल पुरस्कार में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 12 लाख अमेरिकी डॉलर या 10 करोड़ रुपये) की राशि, 18 कैरेट का स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र शामिल है। अधिकतम तीन विजेता राशि साझा कर सकते हैं।

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