Edited By Tanuja,Updated: 14 May, 2022 12:26 PM
सत्ता गंवाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार उल-जलूल बयान दे रहे हैं। शुक्रवार को इमरान खान ने दावा किया है कि पाक...
इस्लामाबाद: सत्ता गंवाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार उल-जलूल बयान दे रहे हैं। शुक्रवार को इमरान खान ने दावा किया है कि पाक सेना की ओर से उन्हें लगातार फोन आ रहे हैं, लेकिन वे स्टैबलिशमेंट से बात नहीं कर रहे। इमरान खान ने यहां तक कह दिया कि उन्होंने इनका नंबर भी ब्लॉक कर रखा है। दरअसल पाकिस्तान में स्टैबलिशमेंट का मतलब सेना के टॉप रैंक अधिकारी, नौकरशाही के टॉप लोग और न्यायपालिका के टॉप लोगों से होता है। इमरान खान ने कहा कि जब तक चुनाव के तारीखों की घोषणा नहीं हो जाती वह किसी से भी बात नहीं करेंगे।
इमरान खान ने कहा, 'मुझे उम्मीद नहीं थी कि सेना क्रिमिनल्स को सत्ता में बैठा देगी। इन्हें पाकिस्तान के भविष्य की कोई चिंता नहीं । शहबाज शरीफ जैसों को सत्ता में लाने से अच्छा होता कि ये पाकिस्तान पर परमाणु बम गिरा देते।' इमरान ने आगे कहा कि उन्हें पिछले साल जून में ही इस साजिश की भनक लग गई थी। उनकी सरकार को कमजोर करने के लिए हर फैसले लिए गए। पाक सेना के साथ अपने रिश्तों को लेकर इमरान खान ने कहा, 'मेरे रिश्ते आखिरी दिन तक स्टैबलिशमेंट के साथ अच्छे थे। सिर्फ दो मामलों पर मतभेद थे। पहला उस्मान बुज़दार को मुख्यमंत्री पद से हटाने और दूसरा ISI चीफ को बनाने के लिए।'
इमरान ने ये भी कहा कि अगर आम चुनावों की घोषणा जल्द से जल्द नहीं होती तो जनसैलाब इस्लामाबाद की ओर बढ़ेगा और ये सत्ता के लिए अच्छा नहीं होगा। इमरान खान ने कहा, "डॉलर 200 रुपए के करीब पहुंच रहा है, शेयर बाजार गिर रहा है, सब कुछ महंगा हो रहा है. मीडिया को आज भी उसी तरह लोगों से महंगाई पर चर्चा करन चाहिए, जैसे मेरी सरकार के दौरान होता था।" इमरान ने कहा, ''10 साल तक भ्रष्ट नेताओं के शासन के बाद मेरी सरकार आई थी और हमसे पहले ही अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया था।"
इमरान खान ने अपने खिलाफ विपक्ष के महत्वपूर्ण अविश्वास प्रस्ताव को सफल होने देने के लिए शक्तिशाली सेना पर शुक्रवार को परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने "तटस्थ" को पहले ही आगाह किया था कि यदि "साजिश" सफल हुई तो देश के आर्थिक सुधार पीछे चले जाएंगे। पाकिस्तानी रुपए में लगातार गिरावट आने और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इसके 193 रुपए तक गिर जाने के बाद इमरान खान ने सोशल मीडिया का सहारा लिया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया अब तक के निम्नतम स्तर पर है। खान ने कहा कि "आयातित सरकार" कुछ नहीं कर रही जबकि बाजार को कदम उठाए जाने की प्रतीक्षा है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘बाजार को नीति और कार्रवाई की प्रतीक्षा है, आयातित सरकार ऐसा करने में नाकाम रही है। मैंने और शौकत तरीन दोनों ने "तटस्थ" को आगाह किया था कि अगर साजिश सफल हुई तो हमारी कमजोर आर्थिक स्थिति और पीछे चली जाएगी। अब यही हुआ है।'' इस बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नीत गठबंधन सरकार की आलोचना बढ़ती जा रही है क्योंकि सरकार अब तक प्रमुख आर्थिक समस्याओं के हल के लिए कोई प्रभावी कदम उठाने में नाकाम रही है।