Edited By Tanuja,Updated: 12 Jul, 2021 11:40 AM
अमेरिकी व नाटो सैनिकों की वापिसी के बीच तालिबान अफगानिस्तान पर अपना कब्जा करना चाहता है। लेकिन इस बीच आंतकियों की पनाहगाह बने...
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिकी व नाटो सैनिकों की वापिसी के बीच तालिबान अफगानिस्तान पर अपना कब्जा करना चाहता है। लेकिन इस बीच आंतकियों की पनाहगाह बने पाकिस्तान तालिबान पर अपना रौब जमाना चाहता जिससे तालिबानी नेतृत्व ने कड़ा एथराज जताया है। पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा है कि तालिबान की अफगानिस्तान में बातचीत के जरिए समझौता करने में मदद करने के लिए पाकिस्तान का स्वागत किया जाएगा लेकिन अगर यह हमें निर्देश या फिर हम पर अपने विचार थोपने की कोशिश करेगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तालिबानी प्रवक्ता ने ये बात पाकिस्तान के जियो न्यूज के प्रोग्राम ‘जिगरा’ में दिए एक इंटरव्यू के दौरान कही। तालिबान ने दावा किया है कि इसने अफगानिस्तान के 85 फीसदी हिस्से पर कब्जा जमा लिया है। यही वजह है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगने वाली सीमा को घेरना शुरू कर दिया है और निगरानी को बढ़ा दिया है। इस दौरान सुहैल शाहीन ने पाकिस्तान के साथ अफगान तालिबान के संबंधों को लेकर सवाल, खासतौर पर उन रिपोर्टों के संदर्भ में कि तालिबान पाकिस्तान को सुनने के लिए तैयार नहीं है के बारे में पूछने पर कहा हम भाईचारे वाले संबंध चाहते हैं। पाकिस्तान हमारा पड़ोसी होने के साश-साथ एक मुस्लिम देश है और हमारे साझा मूल्य हैं, जिसमें ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पाक शांति प्रक्रिया में हमारी मदद तो कर सकता है लेकिन हम पर हुक्म नहीं चला सकता और ये अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों के खिलाफ है।
शाहीन ने अफगानिस्तान के इस्लामी देश के रूप में तालिबान की मांग के बारे में बात करते हुए कहा कि इस्लामी देश होना अफगानिस्तान के लोगों का एक वैध अधिकार है। हम दूसरी सरकारों के बारे में कुछ नहीं कहते हैं इसलिए उन्हें भी अपना विचार नहीं थोपना चाहिए। तालिबान द्वारा प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को स्वीकार करने के सवाल पर शाहीन ने कहा, मुझे TTP के बारे में नहीं मालूम है लेकिन हम इस्लामिक देश की नीति के बारे में जरूर बताएंगे। तालिबान प्रवक्ता ने कहा, हम किसी व्यक्ति और न ही किसी समूह को अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करने देंगे और हमारी स्थिति स्पष्ट है और सभी को पता है। गौरतलब है कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से ही तालिबान तेजी से एक्टिव हो चुका है और देश के बड़े हिस्से पर कब्जा जमाने में जुट गया है।