Edited By Tanuja,Updated: 14 Dec, 2025 11:23 AM

उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक ड्रोन रिहायशी इलाके में गिर गया, जिससे तीन बच्चों की मौत हो गई और एक बच्चा घायल हुआ। हादसे से इलाके में दहशत फैल गई। सुरक्षा बल ड्रोन के स्रोत और कारणों की जांच कर रहे हैं।
Peshawar: पाकिस्तान में सेना की कथित “सुरक्षा व्यवस्था” एक बार फिर सवालों के घेरे में है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू जिले के मुमंद खेल इलाके में रिहायशी क्षेत्र में एक ड्रोन गिरने से तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस हादसे ने यह कड़वा सच उजागर कर दिया है कि पाकिस्तान आर्मी अब अपने ही नागरिकों के लिए खतरा बनती जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार देर रात एक ड्रोन घनी आबादी वाले इलाके में आकर गिर गया। हादसे के वक्त बच्चे आसपास मौजूद थे, जो इसकी चपेट में आ गए। स्थानीय लोगों ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक तीन बच्चों की जान जा चुकी थी।
अस्पताल प्रशासन ने पुष्टि की है कि घायल बच्चा खतरे से बाहर है, जबकि मारे गए तीनों बच्चों के शवों को शवगृह में रखा गया है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत और आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर रिहायशी इलाके में ड्रोन कैसे उड़ रहा था और किसकी लापरवाही से यह हादसा हुआ।घटना के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और जांच शुरू कर दी, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ड्रोन सैन्य था या किसी अन्य एजेंसी से जुड़ा हुआ। हालांकि, बार-बार होने वाली ऐसी घटनाएं पाकिस्तान सेना की कार्यप्रणाली और नागरिक सुरक्षा के प्रति उसकी गंभीर उदासीनता को उजागर करती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकवाद, विद्रोह और अस्थिरता से जूझ रहे पाकिस्तान में अब आम नागरिकों के लिए सबसे बड़ा खतरा खुद उसकी सेना बनती जा रही है जो कभी सुरक्षा के नाम पर, तो कभी “तकनीकी हादसों” के बहाने मासूम जिंदगियां निगल रही है।