Edited By Tanuja,Updated: 28 Sep, 2023 03:34 PM

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां हिंदू-सिख, इसाई ही नहीं बल्कि अहमदिया समुदाय को भी लगातार निशाना...
इस्लामाबादः पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां हिंदू-सिख, इसाई ही नहीं बल्कि अहमदिया समुदाय को भी लगातार निशाना बनाया जा रहा है। अहमदिया समुदाय भयग्रस्त है क्योंकि पाकिस्तान में इस साल जनवरी से अब तक पुलिस या इस्लामी चरमपंथियों द्वारा अहमदियों के धार्मिक स्थलों को अपवित्र करने या मिनारों और मेहराबों को गिराने की 34 घटनाएं हुई हैं जिनमें से ज्यादातर घटनाओं का संबंध पंजाब से है।
ताजा मामला लाहौर के शेखपुरा जिले का जहां बुधवार को अहमदिया समुदाय के तीन मस्जिदों को तोड़ दिया गया। समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया है कि कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के दवाब पर पुलिस मस्जिदों में तोड़फोड़ कर रही है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक पुलिस की एक टीम ने मस्जिद की मीनारों के ऊपरी हिस्से को ध्वस्त कर दिया। साथ ही उन्होंने इन हिस्सों को ढकने का भी आदेश दिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अहमदिया समुदाय ने पाकिस्तानी कानून के खिलाफ जाकर पूजा स्थलों की मीनारों का निर्माण किया।
इससे पहले उन्हें इन मीनारों को हटाने का आदेश दिया गया था। इससे पहले भी शेखपुरा जिले में तीन मस्जिदों को नुकसान पहुंचाने की घटना हो चुकी है। इन तीनों मस्जिदों की मीनार तोड़ दी गई थीं। पिछले कुछ दिनों के दौरान शेखपुरा, बहावलनगर और बहावलपुर जिलों में अहमदिया के मस्जिदों की मीनारों को मुस्लिम मस्जिद जैसा बताते हुए टीएलपी के कार्यकर्ताओं ने घुसकर तोड़ दिया। उल्लेखनीय है कि, लाहौर हाई कोर्ट ने 1984 से पहले अहमदिया समुदाय के मस्जिदों के खिलाफ इस तरह के हमलों पर रोक लगा दी थी। 1974 में संविधान संशोधन के बाद से अहमदिया को गैर मुस्लिम घोषित कर दिया गया है और उनके अधिकार कम कर दिए गए हैं।