Edited By Tanuja,Updated: 27 Dec, 2025 06:44 PM

ईरान और पाकिस्तान ने एक ही दिन में 2,370 से अधिक अफगान शरणार्थियों को जबरन अफगानिस्तान वापस भेज दिया। तालिबान अधिकारियों के अनुसार, लगातार दबाव, पुलिस उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघनों के कारण अफगान शरणार्थी भय और अनिश्चितता में जी रहे हैं।
International Desk: ईरान और पाकिस्तान ने एक ही दिन में 2,370 से अधिक अफगान शरणार्थियों को जबरन निर्वासित कर अफगानिस्तान भेज दिया। तालिबान के उप-प्रवक्ता मुल्ला हमदुल्लाह फ़ितरत ने बताया कि शुक्रवार को 501 परिवारों के कुल 2,370 लोग अफगानिस्तान लौटे। रिपोर्ट के अनुसार, ये शरणार्थी हेरात के इस्लाम क़िला, निमरोज़ के पुल-ए-अबरिशम, कंधार के स्पिन बोलदक, हेलमंद के बह्रामचा और नंगरहार के तोरख़म सीमा मार्गों से अफगानिस्तान पहुंचे।
तालिबान अधिकारियों ने दावा किया कि लौटने वाले परिवारों को उनके मूल क्षेत्रों में भेजा गया और 742 परिवारों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की गई। साथ ही, टेलीकॉम कंपनियों ने 562 सिम कार्ड भी वितरित किए। फ़ितरत ने यह भी बताया कि इससे एक दिन पहले गुरुवार को भी लगभग 2,400 अफगान शरणार्थियों को ईरान और पाकिस्तान से जबरन वापस भेजा गया था।
पाकिस्तान में रह रहे अफगान शरणार्थियों का कहना है कि वे लगातार पुलिस दबाव, तलाशी अभियानों और गिरफ्तारी से भयभीत हैं। कई मामलों में सादे कपड़ों में लोग उनसे पैसे वसूलते हैं। अफगान अखबार हश्त-ए-सुबह की रिपोर्ट के मुताबिक, शरणार्थी बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित हैं और डर के माहौल में जी रहे हैं।मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी और क्षेत्रीय सरकारों की सख्ती ने अफगान शरणार्थियों की स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबान-पाकिस्तान तनाव बढ़ने के साथ यह संकट और गहराने की आशंका है।