Edited By Tanuja,Updated: 20 Dec, 2021 06:26 PM
प्रेस फ्रीडम इंडेक्स की रिपोर्ट में पाकिस्तान में पत्रकारों की भयावह स्थिति का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इमरान खान सरकार के राज ...
इस्लामाबादः प्रेस फ्रीडम इंडेक्स की रिपोर्ट में पाकिस्तान में पत्रकारों की भयावह स्थिति का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इमरान खान सरकार के राज में पाकिस्तान पत्रकारों के लिए ज्यादा खतरनाक बन गया है। प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में पत्रकारों के लिए असुरक्षित देशों में पाकिस्तान छह अंक फिसलकर 145वें स्थान पर पहुंच गया है। 2017 में पाकिस्तान 139वें स्थान पर था। इन असुरक्षित देशोंकी सूची में अफगानिस्तान भी शामिल है। पाकिस्तानी समाचार पत्र द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, रिपोटर्स सैन्स फ्रंटियर्स ने वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 जारी किया है।
इसके अनुसार, पत्रकारों के लिए चार सबसे घातक देशों में से दो दक्षिण एशिया से हैं जिनमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान शामिल हैं। 2017 में पाकिस्तान 139वें स्थान पर था। इमरान सरकार में स्थिति ज्यादा खराब हुई है। इमरान सरकार में प्रेस पर हमले को 'मजाक' करार दे दिया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रेस की स्वतंत्रता पाकिस्तान में लंबे समय से समस्या रही है, लेकिन इमरान सरकार के आने के बाद। इंटननेशनल फेडरेशन आफ जर्नलिस्ट्स (आइएफजे) ने पाकिस्तान को पत्रकारिता के लिए पांचवां सबसे खतरनाक देश बताया है। देश में 1990 से 2020 के बीच ड्यूटी के दौरान 138 मीडियाकर्मियों ने अपनी जान गंवाई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, 2006 से पाकिस्तान सरकार डिजिटल पत्रकारों को भी निशाना बना रही है। पिछले 14 सालों में ईशनिंदा के नाम पर पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण एक हजार से ज्यादा वेबसाइटों को ब्लाक कर चुका है। डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि पाकिस्तानी सरकार ने डेटा को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट फ़िल्टरिंग टूल और ब्लाकिंग सिस्टम के लिए एक करोड़ अमेरिकी डालर का अनुमानित बजट आवंटित किया है।