Edited By Pardeep,Updated: 02 Sep, 2025 11:41 PM

अमेरिका के रक्षा मंत्री (Defense Secretary) पीट हेगसेथ ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने 600 तक सैन्य वकीलों (military lawyers) को अस्थायी इमिग्रेशन जज (temporary immigration judges) के तौर पर काम करने की अनुमति दे दी है। ये वकील न्याय विभाग...
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के रक्षा मंत्री (Defense Secretary) पीट हेगसेथ ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने 600 तक सैन्य वकीलों (military lawyers) को अस्थायी इमिग्रेशन जज (temporary immigration judges) के तौर पर काम करने की अनुमति दे दी है। ये वकील न्याय विभाग (Justice Department) की मदद के लिए भेजे जाएंगे।
यह फैसला क्यों लिया गया?
यह कदम अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) के अनुरोध पर उठाया गया है, क्योंकि अमेरिका में इमिग्रेशन (आव्रजन) मामलों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है और उनके निपटारे में बहुत देरी हो रही है।
क्या है योजना?
एक आधिकारिक मेमो के अनुसार, यह आदेश 27 अगस्त को जारी किया गया था। 150-150 वकीलों के समूहों को DOJ के पास भेजा जाएगा, इनमें सैन्य और नागरिक वकील दोनों शामिल होंगे। पहला समूह अगले सप्ताह तक चिन्हित कर लिया जाएगा और जितनी जल्दी संभव हो DOJ में काम शुरू कर देगा। यह तैनाती 179 दिनों के लिए अस्थायी होगी, लेकिन जरूरत पड़ने पर बढ़ाई जा सकती है।
अस्थायी इमिग्रेशन जज क्या करेंगे?
इन सैन्य वकीलों को इमिग्रेशन कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में काम करना होगा। वे उन मामलों की सुनवाई करेंगे, जहां विदेशी नागरिकों का अमेरिका में रहना या निर्वासन तय करना होता है। इसका मकसद लंबित मामलों की संख्या कम करना और तेजी से फैसले लेना है।
इस पर क्या बोले अधिकारी?
DOJ के एक प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि इस विषय में पूरी जानकारी रक्षा विभाग के पास है। पेंटागन (Pentagon) ने जिम्मेदारी व्हाइट हाउस को सौंप दी। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन (यह फैसला उस समय का है) अभ्रजन मामलों के निपटारे को प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर हर कोई चाहे वह अधिकारी हों या आम नागरिक एक साथ खड़ा हो सकता है।”
अमेरिका में इमिग्रेशन केसों का बढ़ता बोझ
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अमेरिका की इमिग्रेशन अदालतों में लाखों मामले पेंडिंग हैं।
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हर साल बड़ी संख्या में लोग अमेरिका में शरण, ग्रीन कार्ड या अन्य वीज़ा के लिए आवेदन करते हैं।
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सीमा सुरक्षा सख्त होने के बावजूद, केसों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है।