पाकिस्तान में नेताओं की खरीद-फरोख्त तेज,अमेरिका बोला- किसी भी सरकार के साथ काम करने को तैयार

Edited By Tanuja,Updated: 13 Feb, 2024 10:41 AM

ready to work with any government that takes power in pakistan us

पाकिस्तान में आम चुनावों के बाद किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर नेताओं की खरीद-फरोख्त  में तेजी संबंधी अफवाहों और नेशनल असेंबली...

वाशिंगटनः पाकिस्तान में आम चुनावों के बाद किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर नेताओं की खरीद-फरोख्त  में तेजी संबंधी अफवाहों और नेशनल असेंबली की सीट पर परिणाम घोषित करने में हुई देरी के बीच अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान में सत्ता में आने वाली किसी भी सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है। पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को हुए आम चुनाव के परिणामों में देरी के लिए मतदान वाले दिन इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं के निलंबन को जिम्मेदार ठहराया जबकि उसने पहले कहा था कि चुनाव प्रबंधन प्रणाली (ईएमएस) इंटरनेट पर निर्भर नहीं है और इंटरनेट बंद होने से काम प्रभावित नहीं होगा।

 

आयोग ने दावा किया कि परिणामों में देरी से ‘‘किसी विशिष्ट राजनीतिक दल'' को नुकसान नहीं हुआ है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि अभी तक कोई नयी पाकिस्तानी सरकार बनी है। मेरा मानना है कि सरकार के गठन को लेकर अब भी चर्चा जारी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन एक बात हमने चुनावों से पहले कही थी और हम फिर से स्पष्ट करेंगे कि पाकिस्तानी लोग जिसे भी अपना प्रतिनिधि चुनेंगे, हम उस सरकार के साथ काम करेंगे।'' मिलर ने पाकिस्तान के चुनावों के दौरान मतों से छेड़छाड़ के आरोपों के बारे में सवाल किए जाने पर कहा, ‘‘जहां तक धांधली के आरोपों का सवाल है, तो हम चाहेंगे कि इसकी पूरी जांच हो।''

 

पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने रविवार को आम चुनाव के अंतिम परिणाम घोषित किए, जिसमें जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने 101 सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं, तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 75 सीट जीतकर तकनीकी रूप से संसद में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

 

बिलावल जरदारी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को 54 सीट मिलीं, जबकि विभाजन के दौरान भारत से आए उर्दू भाषी लोगों की मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को 17 सीट मिली हैं। बाकी 12 सीट पर अन्य छोटे दलों ने जीत हासिल की। पीटीआई ने शुरू में सरकार बनाने का दावा किया था, लेकिन उसकी संभावनाएं बाद में कमजोर पड़ने लगीं। सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को प्रत्यक्ष मतदान से निर्वाचित 133 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। कुल मिलाकर, साधारण बहुमत हासिल करने के लिए 336 में से 169 सीट की आवश्यकता है, जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित सीट भी शामिल हैं। 

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