Edited By Tanuja,Updated: 21 Mar, 2023 04:59 PM

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने अपने नए फरमान के तहत मध्य दाइकुंडी प्रांत में अफगान उत्सव नवरोज उत्सव पर प्रतिबंध लगा दिया है।...
इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने अपने नए फरमान के तहत मध्य दाइकुंडी प्रांत में अफगान उत्सव नवरोज उत्सव पर प्रतिबंध लगा दिया है। तालिबान ने अफगान निवासियों को चेतावनी दी है कि यदि वे इस अवसर का जश्न मनाते हुए पकड़े जाते हैं, तो उनके साथ मौके के मुताबिक व्यवहार किया जाएगा। बता दें कि भारत के कश्मीर में मुस्लिम समाज के लोग नवरोज उत्सव मनाते हैं जिसमें हिंदू-सिख भी बड़े पैमाने पर शामिल होते हैं।
खामा प्रेस के अनुसार तालिबान के मंत्रालय ने घोषणा करते हुए कहा कि समूह के नियामकों ने लोगों से कहा है कि ‘‘इस्लाम नवरोज के उत्सव को प्रतिबंधित करता है। ’’ इस घोषणा के अनुसार, तालिबान पर्यवेक्षकों ने दाइकुंडी में कम से कम 35 मस्जिदों के उपासकों से मुलाकात की और उन्हें ‘पश्चिमी विचारों, खवारिज और इस्लाम के अनुरूप नहीं होने वाले अनुष्ठानों’ का विरोध करने के लिए कहा है।
इस घोषणा में, नवरोज को ‘अज्ञानता के युग’ के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है और लोगों को चेतावनी दी जाती है कि इस अवसर को मुसलमानों के बीच ‘विदेशियों’ द्वारा प्रचारित किया जाता है। खामा प्रेस ने बताया कि तालिबान के वाइस और पुण्य मंत्रालय ने आम लोगों को ‘विदेशी और गैर-इस्लामी रीति-रिवाजों और इस्लाम में पवित्र नहीं’ मनाने से परहेज करने की चेतावनी दी है।
1996 और 2001 के बीच तालिबान के पिछले शासन के दौरान इस लोकप्रिय त्योहार पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, पिछले साल समूह ने कहा कि वे नवरोज नहीं मनाएंगे, लेकिन इसे मनाने वालों से कोई समस्या नहीं है। नवरोज 3000 से अधिक वर्षों से मनाया जा रहा है। यह अफगानिस्तान, ईरान, मध्य एशिया और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में इस्लाम, सुन्नियों और शियाओं की दोनों मुख्य शाखाओं के अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है और आमतौर पर सार्वजनिक अवकाश द्वारा चिह्नित किया जाता है।