Edited By Tanuja,Updated: 10 Jul, 2018 07:47 PM
अखिरकार थाईलैंड गुफा में फंसे जूनियर फुटबल टीम के 12 खिलाडियों और उनके कोच ने मौत से जंग जीत ली 17 दिन बाद बचाव टीम द्वारा उनको सुरक्षित निकाल लिया गया। 23 जून को एक फुटबॉल टीम प्रैक्टिस के बाद थाम लुआंग नांग नोन गुफा में गई थी जब सभी वापसी में...
इटरनैशनल डेस्क (तनुता तनु): अखिरकार थाईलैंड गुफा में फंसे जूनियर फुटबाल टीम के 12 खिलाडियों और उनके कोच ने मौत से जंग जीत ली 17 दिन बाद बचाव टीम द्वारा उनको सुरक्षित निकाल लिया गया। 23 जून को एक फुटबॉल टीम प्रैक्टिस के बाद थाम लुआंग नांग नोन गुफा में गई थी जब सभी वापसी में असफल रहे तो उनके लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। उनको खोजने के दौरान सबसे बड़ी समस्या थी बारिश। इसके चलते गुफा में पानी भर गया। इन सबके बीच 1,000 लोगों को इस सर्च ऑपरेशन में लगाया गया. इसमें नेवी, हवाई और गोताखोरों की टीम थी। करीब 10 दिन बाद बच्चे खोज निकाले गए ।
जानिए पूरा घटनाक्रम
25 जूनः इन बच्चों और इनके कोच की खोजबीन शुरू हुई। सभी बच्चों की उम्र 11 से 16 साल की थी। माना जा रहा था कि सभी थाम लुआंग नांग नोन गुफा में गए। वाइल्ड बोर कही जाने वाली टीम बारिश में फंस गई. गुफा के पास ही फुटबॉल प्लेयर्स की साइकिल और बूट्स मिले। इसके बाद एक फुटबॉल प्लेयर की मां पुलिस के पास गई और बताया कि वह प्रैक्टिस के बाद घर नहीं लौटा। फिर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
26 जूनः सर्च ऑपरेशन शुरू करने के लए गोताखोरों के लिए स्पेशलिस्ट्स की एक टीम ने पानी को पंप कर बाहर निकालना शुरू किया।
27 जूनः लगातार हो रही बारिश के चलते लोग अपने बच्चों के लिए उम्मीद खोते जा रहे थे। हालांकि सेना लगातार कह रही थी कि उसने उम्मीद नहीं खोई है और वह अपनी सर्वेश्रेष्ठ कोशिश कर रही है।
28 जूनः थाइलैंड की गोताखोरों की टीम के साथ अमरीका और ब्रिटेन की सेना के गोताखोर भी शामिल हुए। रिचर्ड विलियम स्टैनन, रॉबर्ट चार्ल्स हार्पर और जॉन वॉलथन गुफा में गए। कुछ गोताखोरों को पानी के बढ़ रहे स्तर के चलते वापस आना पड़ा।
30 जूनः थाइलैंड की पुलिस ने गायब हुए लोगों के लिए फूड के पैकेट्स गिराए। उन्हें उम्मीद थी कि हो सकता है कि बच्चों और उनके कोच तक यह खाना पहुंच जाए. 20 पैकेटों में पानी, खाना, दवा, टॉर्च मौजूद थी। इस पैकेट में एक नोट भी लिखा था कि अगर यह मिल जाए तो तुरंत रिप्लाई करें, मैप पर वह चिन्हित करें और उनकी तुरंत मदद की जाएगी।
1 जुलाईः रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहे लोगों को यह उम्मीद जगी कि सभी फंसे हुए लोग जीवित होंगे। गोताखोर अपना सर्च ऑपरेशन लगातार कर रहे थे। बारिश कम होने के बाद थाईलैंड नेवी की यूनिट आगे बढ़ने में सफल हो सकी।
2 जुलाईः 12 बच्चे और उनके कोच जिंदा मिले। गर्वनर ने बताया, 'हमने सभी 13 को सुरक्षित खोज लिया है। ठीक होने तक उनका ख्याल रखा जाएगा। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि वे अभी खाना खा सकते हैं या नहीं क्योंकि कई दिनों से वे भूखे हैं।'
3 जुलाईः 9 दिन से लापता फ़ुटबॉल टीम व उनके कोच को तलाश लिया गया लेकिन सबसे बड़ी चुनौती बच्चों को गुफा से बाहर निकालने की सामने आई। आशंकी जताई गई कि बच्चों को शायद 1 माह तक गुफा में ही रहना पड़ेगा।
4 जुलाईः थाईलैंड प्रशासन ने अपने स्तर के प्रयास विफल रहने पर अमरीका, चीन, ब्रिटेन व आस्ट्रेलिया आदि सहित 8 देशों के एक्सपर्ट की मदद ली गई।
5 जुलाईः बारिश व लगातार बिगड़ते मौसम ने थाईलैंड प्रशासन व बच्चों के अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी । इस दौरान पूरी दुनिया की नजर बचाव अभियान पर टिकी रही।
6 जुलाईः खिलाडियों व कोच को बचाने के लिए नया प्लान तैयार किया गया है। बच्चों तक ताजा हवा पहुंचने के लिए पहाड़ में 100 से अधिक चिमनियां बनाईं गईं। गुफा में फंसे किशोरों को ऊपर के रास्ते से बाहर निकालने के लिए नए तरीके तलाशे गए।
7 जुलाईः बचाव अभियान में मदद करते हुए ऑक्सीजन की कमी के कारण सेना के एक पूर्व गोताखोर समन कुनोंत की मौत हो गई। इसी दिन बच्चों ने अपने परिजनों के लिए पहली बार कुछ लिखित संदेश भेजे। बच्चों ने लिखा, "आप लोग चिंता मत करिए... हम सभी बहादुर हैं।" कुछ बच्चों ने गुफा में अपनी पसंद का खाना भी मंगवाया।
8 जुलाईः रविवार को बिगड़े मौसम के बावजूद थाइलैंड सरकार ने 4 दिन की टाइम लिमिट तय की ओर 8 देशों के एक्सपर्ट द्वारा रेसक्यु तेज किया गया । गोताखोरों की मेहनत रंग लाई और रात तक 4 बच्चे सुरक्षित निकाल लिए गए।
9 जुलाईः सोमवार शाम तक 4 और बच्चों यानि कुल 8 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया व बच्चों की देखभाल के लिए डॉक्टर और थाईलैंड के कुछ नौसैनिक तैनात किए गए।
10 जुलाईः बचाव अभियान सफल रहा व शाम 5.30 बजे तक सभी बच्चे व कोच गुफा से सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए।