हमास की खौफनाक कहानी: 42 साल पहले कैसे शुरू हुआ आतंकी संगठन, क्यों इजरायल के लिए बना सबसे बड़ी चुनौती!

Edited By Updated: 05 Oct, 2025 06:18 AM

the terrifying story of hamas how the terrorist organization began 42 years ago

इजरायल और हमास के बीच संघर्ष आज दुनिया की सबसे पुरानी और खूनखराबे वाली जंगों में से एक बन चुकी है। 7 अक्टूबर 2023 को जब हमास ने इजरायल पर अचानक हमला किया, तो पूरी दुनिया दहल उठी थी।

इंटरनेशनल डेस्कः इजरायल और हमास के बीच संघर्ष आज दुनिया की सबसे पुरानी और खूनखराबे वाली जंगों में से एक बन चुकी है। 7 अक्टूबर 2023 को जब हमास ने इजरायल पर अचानक हमला किया, तो पूरी दुनिया दहल उठी थी। इस हमले में 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और करीब 250 नागरिकों को बंधक बना लिया गया। इसके बाद से ही गाजा में इजरायल का सैन्य अभियान जारी है, जिसमें अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं। लेकिन सवाल यह है कि हमास आखिर बना कैसे? इसका इतिहास क्या है और क्यों यह संगठन इजरायल के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है?

हमास की शुरुआत: कैसे हुआ एक आंदोलन का जन्म

हमास (Hamas) का पूरा नाम है — “हरकत अल-मुकावमा अल-इस्लामिया” यानी इस्लामिक रेजिस्टेंस मूवमेंट। इस संगठन की स्थापना 14 दिसंबर 1987 को शेख अहमद यासीन ने की थी, जब इजरायल के खिलाफ पहला इंतिफादा (Palestinian Uprising) शुरू हुआ था।

हमास की विचारधारा मिस्र के इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़ी है। यह संगठन खुद को “फिलिस्तीन की आजादी और इस्लामिक शासन की स्थापना” के मिशन से जोड़ता है।

हमास दो शाखाओं में बंटा है —

  1. राजनीतिक शाखा, जो गाजा में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं से जुड़ी है।

  2. सैन्य शाखा (इज़्ज़-अद-दीन अल-क़सम ब्रिगेड), जो रॉकेट हमलों, आत्मघाती विस्फोटों और इजरायल के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध करती है।

इजरायल के खिलाफ हिंसा और दुनिया में डर

हमास ने 1990 के दशक से लेकर अब तक सैकड़ों बम धमाकों और आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया है। 1996 में इजरायली एजेंसी मोसाद द्वारा हमास के इंजीनियर याह्या अय्याश की हत्या के बाद, संगठन ने इजरायल में कई भीषण धमाके किए, जिनमें 60 से ज्यादा लोग मारे गए।

2000 के बाद दूसरे इंतिफादा के दौरान हमास ने इजरायली बसों, बाजारों और स्कूलों को निशाना बनाया। इजरायल ने जवाबी कार्रवाई में उसके कई शीर्ष कमांडरों को मार गिराया, जिनमें खुद शेख अहमद यासीन भी शामिल थे — जिन्हें 2004 में इजरायली मिसाइल हमले में मारा गया।

हमास की सत्ता पर कब्जा: जब गाजा बना युद्ध का केंद्र

2006 में फिलिस्तीन में चुनाव हुए। हैरानी की बात यह रही कि हमास ने बहुमत से जीत दर्ज की। इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय हैरान रह गया, क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय संघ पहले ही हमास को “आतंकी संगठन” घोषित कर चुके थे। 2007 में हमास ने गाजा पट्टी पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया और राष्ट्रपति मह्मूद अब्बास की पार्टी फतह को बाहर कर दिया। तब से गाजा पट्टी हमास के नियंत्रण में है और वेस्ट बैंक फतह के कब्जे में। इस विभाजन ने फिलिस्तीन की राजनीति को दो हिस्सों में तोड़ दिया और शांति की कोशिशें फिर से कमजोर हो गईं।

 ईरान और हमास का रिश्ता

हमास को सबसे ज्यादा समर्थन ईरान से मिलता है। ईरान उसे हथियार, प्रशिक्षण, फंडिंग और ड्रोन तकनीक देता है। यह रिश्ता केवल राजनीतिक नहीं बल्कि सामरिक भी है क्योंकि ईरान खुद इजरायल का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसके अलावा, लेबनान का हिजबुल्ला और यमन के हूती विद्रोही भी हमास के करीबी माने जाते हैं।

गाजा पट्टी का इतिहास: 75 साल की जंग की जड़

गाजा पट्टी भूमध्य सागर के किनारे बसा एक छोटा-सा इलाका है, जो इजरायल और मिस्र के बीच स्थित है। 1917 तक यह ऑटोमन साम्राज्य का हिस्सा था, फिर ब्रिटिश शासन के अधीन आया। 1948 में जब इजरायल का गठन हुआ, तब अरब देशों और यहूदियों के बीच भयंकर युद्ध छिड़ गया। मिस्र ने गाजा पर कब्जा कर लिया और वहां लाखों फलस्तीनियों को शरण दी। 1967 के सिक्स-डे वॉर में इजरायल ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया। इसी कब्जे के खिलाफ धीरे-धीरे लोगों में गुस्सा बढ़ा, और 1987 में हमास की नींव रखी गई।

 शांति समझौते और असफल कोशिशें

1993 में ओस्लो शांति समझौता हुआ, लेकिन हमास ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया। उसका कहना था कि “इजरायल का अस्तित्व ही अवैध है।” यासिर अराफात के नेतृत्व वाली फिलिस्तीनी अथॉरिटी ने जहां शांति की बात की, वहीं हमास ने हथियार उठाए रखे। इजरायल ने बार-बार हमास के खिलाफ “ऑपरेशन कास्ट लीड” (2008), “ऑपरेशन प्रोटेक्टिव एज” (2014) और “ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड्स” (2023) जैसे अभियान चलाए। गाजा की तबाही और हजारों लोगों की मौत के बावजूद, हमास आज भी कायम है।

आज की स्थिति: गाजा पर मंडरा रहा है संकट

2023 के हमले के बाद से इजरायल ने गाजा को चारों ओर से घेर रखा है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अब तक 60,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और लाखों बेघर हैं। गाजा का बड़ा हिस्सा खंडहर में तब्दील हो चुका है, जबकि मानवीय मदद की पहुंच बेहद सीमित है। अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20-बिंदु वाला गाजा पीस प्लान पेश किया है जिस पर हमास ने सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है। अगर यह समझौता सफल होता है, तो 75 साल पुराना यह संघर्ष शायद पहली बार स्थायी शांति की ओर बढ़ सकेगा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!