Edited By Tanuja,Updated: 14 Dec, 2025 05:34 PM

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में यहूदी समुदाय के हनुक्का कार्यक्रम पर हुए हमले की इज़राइल ने कड़ी निंदा की है। राष्ट्रपति इसाक हर्ज़ोग और विदेश मंत्री गिदोन सआर ने इसे यहूदी-विरोधी हिंसा बताया। हमले में 10 लोगों की मौत और कई घायल हुए हैं।
International Desk: इज़राइल के राष्ट्रपति इसाक हर्ज़ोग ने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में यहूदी समुदाय के एक कार्यक्रम पर हुए भीषण हमले की कड़ी निंदा की है। इस हमले में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक हमलावर भी शामिल है, जबकि 12 अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह घटना रविवार शाम (स्थानीय समय) सिडनी के बॉन्डी बीच के पास एक यहूदी धार्मिक आयोजन के दौरान हुई। राष्ट्रपति हर्ज़ोग ने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा, “हमारे दिल सिडनी में अपने यहूदी भाइयों और बहनों के साथ हैं, जिन पर उस समय घिनौने आतंकियों ने हमला किया, जब वे हनुक्का का पहला दीप जलाने जा रहे थे।”
उन्होंने बताया कि उन्होंने न्यू साउथ वेल्स ज्यूइश बोर्ड ऑफ डेप्युटीज़ के अध्यक्ष डेविड ओसिप से बात की, जो इस कार्यक्रम में वक्ता थे, और इज़राइल की ओर से पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। हर्ज़ोग ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, “हम बार-बार ऑस्ट्रेलियाई सरकार से यहूदी-विरोधी घटनाओं की बढ़ती लहर के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील करते रहे हैं। यह समाज को भीतर से खोखला कर रही है।” हमले में शामिल दूसरा शूटर घायल अवस्था में हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने बताया कि दोनों हमलावरों को निष्क्रिय कर दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद लोगों को अभी भी बॉन्डी बीच से दूर रहने की सलाह दी गई है। पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि इलाके में बम की धमकी बनी हुई है और सुरक्षा एजेंसियां एक इम्प्रोवाइज़्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) को निष्क्रिय करने में जुटी हैं। पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है।
इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन सआर ने कहा कि वह इस “हत्या जैसे गोलीबारी हमले” से स्तब्ध हैं। उन्होंने इसे ऑस्ट्रेलिया में पिछले दो वर्षों से जारी यहूदी-विरोधी उन्माद का परिणाम बताया। गिदोन सआर ने X पर लिखा, “यह सिडनी में हनुक्का कार्यक्रम पर हुए जानलेवा हमले का परिणाम है, जो ‘ग्लोबलाइज़ द इंतिफादा’ जैसे भड़काऊ नारों से पैदा हुई नफरत का नतीजा है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार को अब चेतावनियों को गंभीरता से लेना होगा।” इस घटना ने न केवल ऑस्ट्रेलिया बल्कि पूरी दुनिया में यहूदी समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ा दी हैं।