दुनिया के इस हिस्से में 65 दिन नहीं दिखाई देगा सूरज... 22 जनवरी तक रहेगा अंधेरा

Edited By Updated: 20 Nov, 2025 12:14 PM

this part of the world will remain dark for 65 days no sunlight until jan 22

अलास्का के उटकियागविक शहर में 18 नवंबर 2025 को पोलर नाइट शुरू हो गई। अब लगभग 65 दिनों तक सूरज दिखाई नहीं देगा और लोग 22 जनवरी 2026 तक अंधेरे में रहेंगे। इस दौरान तापमान -20 से -30 डिग्री तक गिर सकता है। लोग लाइट थेरेपी और स्ट्रीट लाइट्स पर निर्भर...

नेशनल डेस्क : अलास्का के सबसे उत्तरी शहर उटकियागविक शहर में मंगलवार, 18 नवंबर 2025 को सूरज डूबते ही पोलर नाइट यानी ध्रुवीय रात शुरू हो गई। इस शहर में अब लगभग 65 दिनों तक सूरज नहीं दिखाई देगा और लोग जनवरी 2026 तक सूरज की रोशनी का इंतजार करेंगे।

पोलर नाइट क्या है?

पोलर नाइट वह अवधि है जब सूरज पूरी तरह क्षितिज के नीचे रहता है और दिनभर अंधेरा रहता है। यह घटना आर्कटिक सर्कल के भीतर के शहरों में हर साल होती है। उटकियागविक में इस साल 18 नवंबर को दोपहर 1:36 बजे सूरज डूबा और 22 जनवरी 2026 को ही सूरज निकलेगा।

क्यों होता है अंधेरा?

पृथ्वी की धुरी 23.5 डिग्री झुकी हुई है। सर्दियों में उत्तरी ध्रुव सूरज से दूर हो जाता है, इसलिए आर्कटिक क्षेत्र में सूरज दिखाई नहीं देता। गर्मियों में इसका उल्टा होता है और तब यहां लगातार सूरज रहता है, जिसे पोलर डे कहा जाता है। उटकियागविक में मई से अगस्त तक लगभग 80-85 दिनों तक सूरज डूबता नहीं।

शहर की जिंदगी पोलर नाइट में कैसी होती है?

उटकियागविक में लगभग 4,500 लोग रहते हैं, जिनमें ज्यादातर इनुइट जनजाति के लोग हैं। अंधेरे का जीवन आसान नहीं होता:

  • स्वास्थ्य पर असर: लगातार अंधेरा होने से थकान, उदासी और डिप्रेशन जैसी समस्या हो सकती है, जिसे Seasonal Affective Disorder (SAD) कहते हैं। लोग इसके लिए लाइट थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं।
  • दैनिक जीवन: स्कूल, ऑफिस और अन्य काम जारी रहते हैं, लेकिन लोग घरों और स्ट्रीट लाइट्स पर निर्भर रहते हैं। तापमान -20 से -30 डिग्री तक गिर जाता है।
  • सकारात्मक पहलू: लोग क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाते हैं। साथ ही आर्कटिक की खास खूबसूरती ऑरोरा बोरेलिस (उत्तरी रोशनी) का आनंद लेते हैं।
  • पर्यटन: कुछ पर्यटक इस अनोखे अनुभव के लिए आते हैं, लेकिन ठंड बहुत ज्यादा होती है।

इतिहास और रोचक तथ्य

उटकियागविक अमेरिका का सबसे उत्तरी शहर है। पहले इसे बारो कहा जाता था, लेकिन 2016 में नाम बदलकर उटकियागविक रखा गया। यहां वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन और आर्कटिक रिसर्च पर काम करते हैं। ग्लोबल वार्मिंग के कारण बर्फ पिघल रही है, जिससे भविष्य में पोलर नाइट और पोलर डे पर असर पड़ सकता है।

आगे क्या होगा?

जनवरी 2026 में सूरज के निकलने के साथ शहर में रोशनी लौट आएगी। फिर मई 2026 से पोलर डे शुरू होगा, जब सूरज कभी नहीं डूबेगा। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह प्राकृतिक चक्र है, लेकिन जलवायु परिवर्तन से इन घटनाओं में बदलाव आ सकता है।

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