Edited By Pardeep,Updated: 15 Aug, 2025 09:46 PM

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच 15 अगस्त 2025 (शुक्रवार) को अलास्का के एंकरेज में उच्च-सतह की एक बैठक आयोजित की जा रही है। यह बैठक Joint Base Elmendorf–Richardson (एक बड़ी सैन्य अड्डा) में आयोजित होगी...
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच 15 अगस्त 2025 (शुक्रवार) को अलास्का के एंकरेज में उच्च-सतह की एक बैठक आयोजित की जा रही है। यह बैठक Joint Base Elmendorf–Richardson (एक बड़ी सैन्य अड्डा) में आयोजित होगी और इसका मुख्य विषय यूक्रेन युद्ध की स्थिति है जहां कुछ फैसले निर्णायक हो सकते हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
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होटल और टैक्सियां
शहर में इस बैठक की घोषण के बाद पर्यटन का मौसम चरम पर होने के कारण सभी होटल और टैक्सी सेवाएं बुक हो गई हैं।
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अस्थायी उड़ान प्रतिबंध (TFR)
सुरक्षा कारणों से बैठक स्थल के आसपास 30 मील के दायरे में शुक्रवार सुबह से दोपहर तक उड़ानों की कुछ सीमाएं लगाई गई हैं। हालांकि, अधिकांश वाणिज्यिक उड़ानें और मालवाहक विमान सामान्य रूप से उड़ते रहेंगे। छोटे विमानों को अतिरिक्त संचार प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।
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सैन्य अड्डा का महत्व
Joint Base Elmendorf-Richardson एक सुरक्षात्मक और रणनीतिक रूप से मजबूत सैन्य अड्डा है—पूर्वी रूस के निकट, पूर्व-शीत युद्ध कालीन निगरानी केन्द्र, जहाँ सीमित व सार्वजनिक पहुँच है।
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रहने और लॉजिस्टिक्स व्यवस्था
होटल नहीं मिल पाने पर अमेरिकी Secret Service और रूसियों की सुरक्षा टीम ने फर्निश्ड घरों और एयरबीएनबी जैसे विकल्प भी तलाशे। मोटरकேड (गाड़ियों का काफ़िला) दूसरे स्थानों से ला कर रखा गया है।
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अलास्का का ऐतिहासिक और प्रतीकात्मक महत्व
अलास्का मूल रूप से रूस की ही थी, जिसे 1867 में $7.2 मिलियन में अमेरिका ने खरीदा था, जिसे उस समय “Seward’s Folly” कहा गया था। आज इसके प्राकृतिक संसाधन और भू‑रणनीतिक स्थिति इसे बेहद महत्वपूर्ण बनाती है। इसी ऐतिहासिक महत्व के चलते इस बैठक का आयोजन यहाँ रणनीतिक और प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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वैश्विक शांति और विदेश नीति पर असर
इस बैठक का संभावित उद्देश्य यूक्रेन युद्ध में वार्ता और शांति प्रयासों की दिशा में कदम बढ़ाना है। लेकिन यूक्रेन को शामिल न किए जाने पर यूरोप और Kyiv में यह निर्णय विवादास्पद माना जा रहा है। ट्रंप ने इस मीटिंग को एक ‘सुनने का अभ्यास’ (listening exercise) बताया है—जिसका मकसद रूस की स्थिति और विचार समझना है। वहीं, कुछ आलोचकों का कहना है कि इससे रूस को वैश्विक वैधता मिल सकती है, और यूक्रेन का पक्ष कमजोर हो सकता है।
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अलास्का में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और प्रतीकवाद
इस बैठक को लेकर अलास्का में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं—कुछ लोगों को उम्मीद है कि यह शांति की दिशा में कदम हो सकता है, जबकि अन्य डरते हैं कि यह एक प्रतीकात्मक नाटक मात्र नहीं हो सकता।