Edited By Tanuja,Updated: 09 Aug, 2025 06:29 PM

तुर्की के विदेश मंत्री हाकान फिदान ने ऐलान किया है कि तुर्की, इस्लामिक सहयोग संगठन ( OIC ) के विदेश मंत्रियों की परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में, इस सप्ताह गाज़ा की स्थिति ...
International Desk: तुर्की के विदेश मंत्री हाकान फिदान ने ऐलान किया है कि तुर्की, इस्लामिक सहयोग संगठन ( OIC ) के विदेश मंत्रियों की परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में, इस सप्ताह गाज़ा की स्थिति पर एक आपात बैठक बुला रहा है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब गाज़ा में इज़राइल की कार्रवाई से मानवीय संकट चरम पर है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्धविराम की मांग तेज़ हो रही है। फिदान ने बताया कि इस विशेष सत्र में गाज़ा पर इज़राइल के कब्ज़े की योजना, बिगड़ता मानवीय संकट और युद्धविराम प्रयासों में तेजी पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि गाज़ा में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं और इस समय एक मजबूत और एकजुट इस्लामी प्रतिक्रिया बेहद जरूरी है । तुर्की का मानना है कि अगर मुस्लिम दुनिया एक स्वर में बोलती है, तो अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ सकता है और मानवीय राहत पहुंचाना आसान होगा। फिदान ने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर सीधा और कड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि "नेतन्याहू उस खून में डूब जाएंगे, जिन लोगों को उन्होंने भूख से मरने के लिए छोड़ दिया, हत्या करवाई, और केवल आनंद के लिए जिन पर स्नाइपरों से रोज़ाना कोटा तय कर गोली चलाई।" उनका यह बयान अंतरराष्ट्रीय मीडिया में तेजी से चर्चा का विषय बन गया है और कई विश्लेषक इसे तुर्की के कड़े रुख का संकेत मान रहे हैं।
इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसमें 57 मुस्लिम-बहुल देश शामिल हैं। यह बैठक मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों को एक मंच पर लाकर राजनीतिक रणनीति, मानवीय सहायता प्रयास और राजनयिक दबाव को एकजुट करने का प्रयास करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर OIC इस बैठक में ठोस प्रस्ताव और संयुक्त बयान जारी करता है, तो यह संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर इज़राइल के खिलाफ बड़ा राजनीतिक दबाव बना सकता है। यह आपात बैठक ऐसे समय हो रही है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय में गाज़ा के मुद्दे पर गहरी विभाजन रेखा है। तुर्की की इस पहल को कई कूटनीतिक विशेषज्ञ "इस्लामी एकजुटता का परीक्षण" बता रहे हैं।