उदयपुर टेलर हत्याकांड: आतंकवाद से संबंधों को लेकर पाकिस्तानी संगठन ने दी सफाई

Edited By Tanuja,Updated: 02 Jul, 2022 11:53 AM

udaipur tailor murder pakistan based dei rejects link to acts of terrorism

भारत में एक दर्जी की निर्मम हत्या के बाद से चर्चा में आए पाकिस्तान के सबसे बड़े सुन्नी-बरेलवी मुस्लिम संगठनों में से एक दावत-ए-इस्लामी ने किसी ...

इंटरनेशनल डेस्कः भारत में एक दर्जी की निर्मम हत्या के बाद से चर्चा में आए पाकिस्तान के सबसे बड़े सुन्नी-बरेलवी मुस्लिम संगठनों में से एक दावत-ए-इस्लामी ने किसी भी प्रकार के आंतकवाद के साथ जुड़ाव को खारिज करते हुए कहा कि वह विशुद्ध रूप से शैक्षिक, धर्म प्रचारक और परोपकारी संगठन है जो शांति का प्रचार करता है। कराची मुख्यालय वाला यह संगठन तब से सुर्खियों में है जब यह तथ्य सामने आया कि राजस्थान के उदयपुर में जानलेवा हमला करने वाले दो लोगों में से एक दावत-ए-इस्लामी से प्रेरित था और 2014 में उसने कराची की यात्रा की थी।

 

रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद ने मंगलवार को उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या कर दी थी और ऑनलाइन वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि वे इस्लाम के अपमान का बदला ले रहे हैं। कराची के गुलशन-ए-इकबाल इलाके में दावत-ए-इस्लामी के मुख्यालय (फैजान-ए-मदीना) के एक वरिष्ठ मौलाना महमूद कादरी ने आतंकवाद के किसी भी कृत्य से अपने संगठन के जुड़ाव को खारिज कर दिया। महमूद ने कहा, ‘‘दावत-ए-इस्लामी का आतंकवाद के किसी भी कृत्य से कोई लेना-देना नहीं है। हम विशुद्ध रूप से शैक्षिक, धर्म प्रचारक और परोपकारी संस्थान हैं और विश्व स्तर पर जीवन में शांति का प्रचार करते हैं।''

 

उन्होंने कहा कि दुनिया भर से हजारों छात्र इस्लाम के अध्ययन के लिए संगठन के मुख्यालय का दौरा करते हैं जहां चरमपंथ या कट्टरवाद का प्रचार प्रसार नहीं किया जाता। उन्होंने कहा, ‘‘हम बिल्कुल गैर सियासी संगठन हैं।'' महमूद ने कहा कि दावत-ए-इस्लामी की दुनिया भर में शाखाएं हैं, संगठन एक टेलीविजन चैनल- मदनी चैनल संचालित करता है और समूह के सभी विवरणों के साथ एक वेबसाइट भी है। उन्होंने कहा, ‘‘1981 में दावत-ए-इस्लामी की स्थापना के बाद से, ऐसी एक भी घटना नहीं हुई है जिसमें हमारे किसी छात्र, अनुयायी या शिक्षक का नाम लिया गया हो या किसी हिंसक गतिविधियों में शामिल रहा हो।''

 

महमूद ने भारतीय मीडिया में आई खबरों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि संगठन की शिक्षा किसी छात्र को किसी की जान लेने के लिए प्रेरित नहीं करती। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अन्य धार्मिक संगठनों के विपरीत दावत-ए-इस्लामी कभी भी किसी हिंसा या हिंसक कृत्य से नहीं जुड़ा है। महमूद ने कहा कि इंसान को हमेशा एक-दूसरे का और एक-दूसरे के धर्मों का भी सम्मान करना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित की गई एक नेता की टिप्पणी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘देखिए कोई भी मुसलमान, चाहे वह किसी भी मत का हो, पैगंबर मोहम्मद के बारे में किसी भी ईशनिंदा वाली टिप्पणी को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। जो हुआ वह बुरा था और इससे हर मुसलमान को दर्द हुआ, चाहे वह कहीं भी रहा हो।''  

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