महाराष्ट्र में कोविड-19 बढ़ोतरी से निपटने में असमर्थ रहने पर लग सकता है लॉकडाउन : टोपे

Edited By Updated: 10 Apr, 2021 12:36 PM

pti maharashtra story

मुंबई, नौ अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि कोविड​​-19 मामलों की वृद्धि के मद्देनजर राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए दो से तीन सप्ताह का ‘‘पूर्ण लॉकडाउन’’ आवश्यक है। टोपे ने साथ ही कहा...

मुंबई, नौ अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि कोविड​​-19 मामलों की वृद्धि के मद्देनजर राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए दो से तीन सप्ताह का ‘‘पूर्ण लॉकडाउन’’ आवश्यक है। टोपे ने साथ ही कहा कि ऐसा कदम तब उठाया जा सकता है जब सरकार स्थिति से निपटने में असमर्थ हो।

हालांकि, उन्होंने उम्मीद जतायी कि वर्तमान समय में लागू पाबंदियों से सरकार मामलों में बढ़ोतरी से निपट सकेगी।
टोपे ने यह भी स्वीकार किया कि सरकार द्वारा संक्रमण में बढ़ोतरी को काबू पाने के बाद ‘‘चलता है’’ रवैया आ गया था।

टोपे ने समाचार चैनल एनडीटीवी से कहा, ‘‘हमें 15 दिनों से लेकर तीन सप्ताह तक पूर्ण लॉकडाउन की आवश्यकता होगी, हालांकि मैं तत्काल उसके पक्ष में नहीं हूं। यदि अस्पतालों में दवाओं की कमी हो और यदि सरकार रोगियों की बढ़ती संख्या का सामना करने में असमर्थ हो, तब ऐसा कदम उठाया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए लॉकडाउन की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हम वायरस को वर्तमान पाबंदियों के साथ काबू कर सकते हैं। हम सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद कर रहे हैं।’’
टोपे ने कहा कि राज्य सरकार मामलों में बढ़ोतरी को लेकर चिंतित है और उसे केंद्र की मदद और सलाह की जरूरत है।

उन्होंने राज्य सरकार की ओर से कुप्रबंधन के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संक्रमण के मामले इसलिए रहे हैं क्योंकि वह कुछ भी नहीं छिपा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सख्त जांच, संक्रमितों के सम्पर्क में आये व्यक्तियों का पता लगाने और उपचार के सिद्धांत का पालन किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार द्वारा संक्रमण के मामलों को काबू में किये जाने के बाद ‘‘चलता है’’ रवैया आ गया और कई गतिविधियां शुरू हुई। हमने सोचा कि कोई दूसरी बढ़ोतरी नहीं आएगी।’’
टोपे ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा राज्य सरकार की आलोचना भी खारिज कर दी और कहा कि राज्य ने केंद्र द्वारा निर्धारित सभी प्रोटोकॉल का पालन किया है।

उन्होंने दोहराया कि टीकों के आवंटन में राज्य के साथ भेदभाव है। उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में हमें सात लाख खुराक दी गई थी और जब हमने और मांग की तो दस लाख अतिरिक्त खुराक दी गई।’’
उन्होंने कहा कि अब तक महाराष्ट्र को 1.04 करोड़ टीके की खुराक मिली है और हमने प्रति सप्ताह 40 लाख की मांग की है ताकि हम प्रतिदिन टीकाकरण को बढ़ाकर छह लाख प्रतिदिन कर सकें।

मंत्री ने कहा कि मुंबई में 120 केंद्रों में से, 70 बंद हैं क्योंकि टीका का कोई भंडार नहीं था और स्थिति शर्मनाक है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 40 लाख टीकों का साप्ताहिक भंडार मांगा ताकि हमें राज्य के विभिन्न हिस्सों में परिवहन के लिए समय मिल सके।’’
महाराष्ट्र में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 56,286 नये मामले सामने आये थे जिससे संक्रमण के मामले बढ़कर 32,29,547 हो गए।
पिछले रविवार को, राज्य सरकार ने 30 अप्रैल तक सप्ताहांत लॉकडाउन और कई सख्त पाबंदियों की घोषणा की थी जिसमें वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दिन के समय निषेधाज्ञा और रात का कर्फ्यू शामिल था।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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