ग्रहण के दौरान दैवीय सहायता प्राप्त करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप

Edited By ,Updated: 10 Sep, 2015 01:44 PM

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ज्योतिषशास्त्र के दार्शनिक खंड के अनुसार खगोलीय ग्रहण के दौरान समस्त जीवों पर इसका शुभाशुभ प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष व धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल में दान-पुण्य व

ज्योतिषशास्त्र के दार्शनिक खंड के अनुसार खगोलीय ग्रहण के दौरान समस्त जीवों पर इसका शुभाशुभ प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष व धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल में दान-पुण्य व मंत्रजाप का विशिष्ट महत्व बताया गया है। शास्त्रानुसार ग्रहण से पूर्व और ग्रहण के बाद आवश्यक रूप से नहाना चाहिए।

जीवन के किसी भी मोड़ पर इंसान के सामने कोई ऐसी विपत्त‍ि आ खड़ी होती है, जिससे पार पाने में वह खुद को एकदम असमर्थ पाता है। ऐसी स्थ‍िति से उबरने में विवेकपूर्वक किए गए कर्म और दैवीय सहायता काम आते हैं। शास्त्रों में बहुत से ऐसे मंत्र हैं, जो हर तरह के संकटों से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं। इन मंत्रों की 11  जाप मालाएं करें :  
 
 कार्य सिद्धि के लिए 
 ओम् आं हृां क्ष्वीं ओम् हृीं तथा ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम:।
 
 कोर्ट केस व शत्रु हनन के लिए
-! ओम् मम शत्रुन हन कालि शर शर,दम दम मर्दय मर्दय तापय तापय,
गोपय पताय शोषय शोषय ,उत्सादय उत्सादय, मम सिद्घि देहि फट्!!
 
बिगड़े, रुष्ट, अन्य में आसक्त पति या पत्नी को अनुकूल बनाने के लिए
-! ओम् अस्य श्री सुरी मंत्रस्वार्थवर्ण, गषि इति शिपस स्वाहा!!
 
कन्या के विवाह हेतु
-! ओम् गौरी पति महादेवाय मम इच्छित वर प्राप्त्यर्थ गोर्ये नम: !!
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